केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी: केदारनाथ यात्रा को आसान बनाएगा नया रोपवे, 36 मिनट में पूरी होगी 9 घंटे की चढ़ाई

Edited By Anil Kapoor, Updated: 06 Mar, 2025 09:08 AM

new ropeway will make kedarnath yatra easier

Uttarakhand News: केंद्रीय कैबिनेट ने 2 महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनमें एक हेमकुंड साहिब और दूसरी केदारनाथ से जुड़ी है। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं को ऊंची चढ़ाई से बचने में मदद मिलेगी और उनकी यात्रा और भी आरामदायक.....

Uttarakhand News: केंद्रीय कैबिनेट ने 2 महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनमें एक हेमकुंड साहिब और दूसरी केदारनाथ से जुड़ी है। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं को ऊंची चढ़ाई से बचने में मदद मिलेगी और उनकी यात्रा और भी आरामदायक होगी।

केदारनाथ रोपवे परियोजना
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 4,081 करोड़ रुपए होगी। वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में 8-9 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस रोपवे के बनने से यह यात्रा केवल 36 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा और तीर्थयात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसके अलावा, यह परियोजना चारधाम यात्रा को बढ़ावा देगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना
हेमकुंड साहिब में भी एक रोपवे परियोजना पर काम किया जाएगा, जिसकी लागत 2,730 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में आसानी होगी। यह रोपवे तीर्थयात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और आरामदायक विकल्प होगा।

रोपवे परियोजना के फायदे
- इन परियोजनाओं से यात्रा अधिक सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल होगी।
- यह रोपवे स्थानीय व्यापारों को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
- यात्रा सीजन में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और बुजुर्गों तथा दिव्यांगों के लिए यात्रा आसान होगी।
- पूरे 6 महीने तीर्थयात्रियों की आवाजाही जारी रहेगी, जिससे संसाधनों पर दबाव कम होगा।

पशु स्वास्थ्य और रोग निवारण योजना
सरकार ने 3,880 करोड़ रुपए के पशु स्वास्थ्य और रोग निवारण कार्यक्रम को भी मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम के तहत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा, और यह सुविधा अब घर के दरवाजे पर उपलब्ध होगी।

प्रोजेक्ट पूरा होने का समय
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये प्रोजेक्ट PPP (Public-Private Partnership) मॉडल पर आधारित होंगे। इन परियोजनाओं को पूरा होने में 4 से 6 साल का समय लग सकता है।

2023 में 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब की यात्रा की
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जो 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थल सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है और यहां ध्यान लगाने का इतिहास है। हेमकुंड साहिब के रास्ते में 'वैली ऑफ फ्लावर्स' भी आता है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। हेमकुंड साहिब पर बने गुरुद्वारे में प्रतिवर्ष लगभग 5 महीने (मई से सितंबर) तक श्रद्धालु आते हैं। 2023 में 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने यहां यात्रा की। वहीं इन दोनों रोपवे परियोजनाओं से तीर्थयात्रियों को बहुत फायदा होगा और उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को नया मुकाम मिलेगा।

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