Edited By Vandana Khosla, Updated: 04 Jul, 2025 07:53 AM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश में हो रहे अवैध निर्माण के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए आवास विभाग के सचिव को आगामी नौ जुलाई को अदालत में तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश में हो रहे अवैध निर्माण के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए आवास विभाग के सचिव को आगामी नौ जुलाई को अदालत में तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और गढ़वाल आयुक्त, एमडीडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) एवं सहायक अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
अदालत ने तीनों से यह भी पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने नौ जुलाई की तिथि नियत की है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र की अगुवाई वाली खंडपीठ ने ये निर्देश ऋषिकेश निवासी पंकज अग्रवाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि ऋषिकेश में बिना मानचित्र स्वीकृति के निर्माण किया जा रहा हैं।
कहा कि मामले में एमडीडीए मूकदर्शक बना हुआ है। खंडपीठ ने इसे बेहद गंभीरता से लिया और एमडीडीए के रवैए पर भारी नाराजगी व्यक्त की। खंडपीठ ने अंत में सचिव को अदालत में पेश होने और तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।