Edited By Vandana Khosla, Updated: 04 Sep, 2025 08:14 AM

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि हरिद्वार में 2027 में होने वाले कुंभ मेले का भव्य और दिव्य आयोजन राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के सभी कार्य...
देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि हरिद्वार में 2027 में होने वाले कुंभ मेले का भव्य और दिव्य आयोजन राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के सभी कार्य अगले वर्ष अक्टूबर तक पूर्ण कर लिए जाएं।
कुंभ की तैयारियों को लेकर यहां आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत कर समयबद्ध रूप से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले से जुड़े सभी कार्य मास्टर प्लान के अनुरूप किए जाएं, ताकि आयोजन को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग, घाट और शिविर स्थलों को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाए ताकि आवश्यकता अनुसार भूमि का अधिग्रहण और अस्थायी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। भीड़ के दबाव को कम करने के उद्देश्य से उन्होंने नए घाटों के निर्माण तथा मौजूदा घाटों की मरम्मत समय से पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मेले को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सरकारी भूमि और सड़कों से अतिक्रमण को सख्ती से हटाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने हरिद्वार गंगा गलियारे में किए जा रहे कार्यों और निर्माणाधीन बहादराबाद-श्यामपुर बाईपास को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा, ताकि उसका लाभ कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को मिल सके। मुख्यमंत्री ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ‘जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट' अपनाने तथा पर्याप्त मोबाइल शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा।
सीएम धामी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्था पर विशेष बल देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालु उत्तराखंड से अच्छा अनुभव लेकर लौटें। इसके लिए उन्होंने कार्मिकों को व्यवहार कुशलता का प्रशिक्षण देने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को कुंभ मेले की तैयारियों की हर 15 दिन में समीक्षा करने का निर्देश दिया।