उद्यान घोटाले में सरकार की फजीहत जारी, हाईकोर्ट ने पूछा- SIT ने क्यों नहीं लिए मुख्य आरोपियों के बयान?

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Sep, 2023 04:44 PM

government s embarrassment continues in garden scam

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हल्द्वानी निवासी दीपक करगेती की ओर से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। एसआईटी की ओर से अदालत में जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपी गई। अदालत की ओर से जांच रिपोर्ट का...

नैनीताल: उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाला मामले में सरकार की फजीहत कम होने का नाम नहीं ले रही है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कहा है कि वह बताए कि भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी और उद्यान महकमे के पूर्व निदेशक हरमिंदर सिंह बावेजा और नितिन शर्मा के बयान विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से अभी तक क्यों नहीं लिए गए हैं? 

"बावेजा और शर्मा के बयान क्यों नहीं लिए गए?"
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हल्द्वानी निवासी दीपक करगेती की ओर से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। एसआईटी की ओर से अदालत में जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपी गई। अदालत की ओर से जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया गया। एसआईटी की ओर से रिपोर्ट में माना गया है कि प्रथमद्दष्टया भ्रष्टाचार का मामला बनता है। दूसरी ओर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार की ओर से कहा गया कि एसआईटी की ओर से मुख्य आरोपियों में शामिल पूर्व उद्यान निदेशक हरमिंदर सिंह बाजवा और अनिता ट्रेडर्स कंपनी के प्रोपराइटर नितिन शर्मा के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं। साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि एसआईटी बिना अभियोग पंजीकृत किए किस प्रावधान के तहत जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में जांच कर सकती है। सरकार इस मामले में कोई संतोष जवाब नहीं दे पाई। अंत में अदालत ने सरकार को निर्देश दिए कि वह अगली तिथि पर बताये कि बावेजा और शर्मा के बयान क्यों नहीं लिए गए हैं? 

पांच अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
साथ ही एसआईटी किस प्रावधान के तहत आरोपी फर्मों के खिलाफ जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अन्वेषण कर सकती है। अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिए कि वह एसआईटी की आगे की जांच रिपोर्ट अगली तिथि पर अदालत में पेश करें। इस मामले की सुनवाई अगले महीने पांच अक्टूबर को होगी। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने इसी साल दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि नर्सरी और पौधों की खरीद के नाम पर उद्यान महकमा में करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ी की गई है। उद्यान निदेशक हरमिंदर सिंह बावेजा के इशारे पर गड़बड़ी की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सरकार ने बावेजा को निलंबित कर दिया और इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। एसआईटी दो महीने से जांच कर रही है। 

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