Edited By Nitika, Updated: 12 Sep, 2023 10:36 AM

उत्तराखंड के मदरसों ने वैज्ञानिक और इस्मालिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यक्रम के प्रति बहुत उत्साह दिखाया है।
देहरादूनः उत्तराखंड के मदरसों ने वैज्ञानिक और इस्मालिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यक्रम के प्रति बहुत उत्साह दिखाया है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने सोमवार को कहा, “कार्यक्रम के पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में चार मदरसों में किए गए शिक्षा के आधुनिकीकरण को देखते हुए करीब 40-50 मदरसों ने हमसे संपर्क कर उनके यहां भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग की है।” शम्स ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों के साथ ही विज्ञान, मानविकी और कम्प्यूटर शिक्षा की पढ़ाई के साथ स्मार्ट कक्षाओं की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि मदरसों में अरबी तथा धार्मिक पढ़ाई के साथ ही संस्कृत शिक्षा की पढ़ाई को भी लागू किया जा रहा है। शम्स ने बताया कि पहले चरण में चयनित मदरसों में इस प्रकार की पढ़ाई के लिए आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है।
शम्स ने कहा, “यह किसी क्रांति से कम नहीं है। हमें राज्य में मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के किसी प्रयास के खिलाफ मुसलमान परिवारों से कड़े विरोध की आशंका थी, लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल उलट रही। बच्चों के अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया है। वे राज्य के ज्यादा से ज्यादा मदरसों को आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत लाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि पहले चरण में चार मदरसों के आधुनिकीकरण की कवायद पूरी होने के बाद दूसरे चरण में अन्य मदरसों का चयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बोर्ड को मदरसों में शिक्षा के आधुनिकीकरण में हर मदद का भरोसा दिया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश में 103 मदरसों का संचालन करता है।