Edited By Vandana Khosla, Updated: 04 Oct, 2024 10:24 AM
पौड़ीः उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था न होने के कारण लोग लगातार मैदानी इलाकों की तरफ पलायन करने को मजबूर है। इसके चलते पहाड़ो में रह रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए दर दर भटकना पड़ता है। इसी बीच पौड़ी जनपद में...
पौड़ीः उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था न होने के कारण लोग लगातार मैदानी इलाकों की तरफ पलायन करने को मजबूर है। इसके चलते पहाड़ो में रह रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए दर दर भटकना पड़ता है। इसी बीच पौड़ी जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान ने रात के समय जनपद पौड़ी के थलीसैण के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। वहीं मौके पर अस्पताल में तमाम अनियमितताएं पाई गई। ऐसे में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
चिकित्सकों की लापरवाही पर डीएम ने व्यक्त की नाराजगी
प्राप्त सूचना के मुताबिक जिलाधिकारी ने जनपद पौड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रात के समय औचक निरीक्षण किया । इस दौरान निरीक्षण में पाया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मुख्य द्वार ही बन्द है। साथ ही अस्पताल में कोई भी कर्मचारी व चौकीदार उपस्थित नहीं है। बताया गया कि हद तो तब हो गई जब जिलाधिकारी को खुद ही अस्पताल का गेट खोलकर निरीक्षण करना पड़ा। इस के चलते जब जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण किया तो पाया कि सभी वार्ड व चिकित्साधिकारी का कक्ष भी बन्द है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसे उपचार देने वाला कोई भी अस्पताल में नहीं मिलेगा। साथ ही वार्ड में उपयोग किए गए सीरींज आदि वेस्ट सामग्री को डस्टबिन में अव्यवस्थित ढंग से फेंका गया है।इस दौरान पाया गया कि अस्पताल कार्मिकों द्वारा अस्पताल में सभी लेखन सामग्री, रजिस्टर आदि कीमती सामान बाहर ही छोड़ा गया था। इसमें अस्पताल के जिम्मेदार चिकित्सकों द्वारा कितनी लापरवाही से सार्वजनिक व विभागीय परिसम्पत्ति को रखा गया है, इस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की।
डीएम ने चिकित्सा अधिकारी को दिए सख्त निर्देश
डीएम ने देखा कि 108 का वाहन अस्पताल गेट के पास ही खड़ा था। लेकिन कोई भी कर्मचारी व वाहन चालक उसमें उपस्थित नहीं था। डीएम ने बताया कि रात के समय पहाड़ी इलाको में यदि कोई भी गम्भीर रूप से बीमार होता है तो उसके इलाज करने के लिए ना ही कोई चिकित्सा कर्मी उपस्थित है और ना ही अन्य स्टाफ। वहीं आगे कहा कि यह बहुत ही बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। इस सम्बंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सख्त निर्देश देते हुए कहा गया है कि रात के समय जिन चिकित्सकों व कर्मियों की ड्यूटी में लापरवाही बरती गई है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अतिरिक्त कहा कि इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।