Edited By Nitika, Updated: 25 Aug, 2024 12:55 PM
उत्तराखंड के गैरसैंण में विधानसभा का मानसून सत्र बेशक खत्म हो गया है लेकिन उसकी तपिश अभी कम नहीं हुई है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण सत्र को विफल करार देते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार की खिंचाई की है और तत्काल विशेष सत्र...
नैनीतालः उत्तराखंड के गैरसैंण में विधानसभा का मानसून सत्र बेशक खत्म हो गया है लेकिन उसकी तपिश अभी कम नहीं हुई है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण सत्र को विफल करार देते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार की खिंचाई की है और तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
नैनीताल में राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा ने समय-समय पर अपना विकराल रूप दिखाया है। लगातार बड़ी-बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं लेकिन प्रदेश सरकार के लिये यह विषय कोई विशेष महत्व नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे विषय पर सरकार की ओर से सत्र में चर्चा नहीं करवाई गई। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही एक के बाद एक दुष्कर्म की घटनाओं ने जनमानस को शर्मशार कर दिया है।
कांग्रेस नेता ने रुद्रपुर और देहरादून की घटना को शर्मनाक बताया और आरोप लगाया कि आपदा और महिला सम्मान जैसे विषय प्रदेश सरकार के लिए विशेष महत्व नहीं रखते। उन्होंने निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार चुनाव करवाने से डर रही है। उन्होंने निकायों में आरक्षण के मुद्दे को प्रवर समिति को भेजे जाने पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि सरकार ने विधायी प्रक्रिया को नष्ट कर दिया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार इन विषयों पर सुधार के लिए जल्द विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और चर्चा करवाए।
हरीश रावत ने साफ-साफ कहा कि सरकार के रवैये ने बुनियादी भाव की ईंटें हिला दी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों को सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि साल भर में 60 दिन विधानसभा का सत्र संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार ने जगह-जगह गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के बोर्ड तो लगाए हैं लेकिन वहां ढांचागत विकास के नाम पर कुछ नहीं किया है। आज हालत यह है कि वहां कोई अधिकारी बैठने को तैयार नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2027 में उनकी पार्टी की सरकार आएगी तो गैरसैंण को पूर्ण राजधानी बनाएगी। उन्होंने कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी पर भी गोलमाल जवाब दिया और ममता सरकार को बचाने की कोशिश की।