निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे है मुख्यमंत्री

Edited By Nitika, Updated: 14 Nov, 2023 03:47 PM

cm is reviewing the work done to save the workers

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के कारण आए मलवे में फंसे चालीस श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार तीसरे दिन भी राहत कार्य (रेस्क्यू) जारी हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा कर रहे...

 

देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के कारण आए मलवे में फंसे चालीस श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार तीसरे दिन भी राहत कार्य (रेस्क्यू) जारी हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।

PunjabKesari

मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को अपने आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें, राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा सिल्क्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहत एवं बचाव के कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी एपी अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जेसी काण्डपाल उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मी0 लम्बी सुरंग जिसका कि सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मी. तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मी. निर्माण हो चुका है, में दिनांक 12 नवम्बर, 2023 की प्रात: 08:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फंस गए थे। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना के अनुसार फंसे हुए व्यक्तियों में से 02 उत्तराखंड के 01 हिमाचल, 04 बिहार के 03 पश्चिम बंगाल के 08 उत्तर प्रदेश के, 05 उड़ीसा के, 15 झारखंड के एवं 02 असम के हैं। सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुए व्यक्तियों तक पहुंचाए जा रहे हैं।

फंसे हुए व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं। सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एनएचएआई, आरबीएनएल, एनएचसीएल, एल एण्ड टी, टीएचडीसी, बीआरओ एवं एनएचआईडीसीएल के स्तर से उपलब्ध करवाए गए तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अन्दर आए मलबे को युद्ध स्तर पर हटाए जाने का कार्य किया जा रहा है तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग तैयार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, परन्तु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहंच रही है। फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेषज्ञों के द्वारा 900 मिमी. के एमएस स्टील पाइप्स को मलबे के आर-पार स्थापित किए जाने का परामर्श दिया गया है। वांछित संख्या में एमएस स्टील पाइप्स घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं, जिन्हें सुरंग के अंदर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही एमएस स्टील पाइप्स की स्थापना हेतु सिंचाई विभाग के 05 विशेषज्ञ अभियन्ताओं के दल भी देहरादून से घटनास्थल पर पहुंच गया है। आरबीएनएल द्वारा भेजी गई आरओसी मशीन घटना स्थल पर पहुंच चुकी है।

PunjabKesari

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहां पर वर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोंटल ड्रिल मशीन व शॉटर्क्रीट मशीन उपलब्ध हैं, साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉटर्क्रीटिंग मशीन 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं। खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्रवाई दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किए गए हैं। त्वरित कार्रवाई के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 किमी. की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपेड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है। सुरंग में फंसे हुए व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिए हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है।

सुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गई है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्रवाई हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!