Edited By Pooja Gill, Updated: 02 Mar, 2025 02:26 PM
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देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) शिविर पर हुए हिमस्खलन में दबे मजदूरों की तलाश का आज तीसरा दिन है। चार लापता मजदूरों को ढूंढने...
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) शिविर पर हुए हिमस्खलन में दबे मजदूरों की तलाश का आज तीसरा दिन है। चार लापता मजदूरों को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टरों की मदद से लगातार तीसरे दिन रविवार को जारी बचाव अभियान के दौरान एक मजदूर का शव बरामद हुआ। एक और शव बरामद होने के साथ ही हादसे में मरने वाले मजूदरों की संख्या पांच हो गई है।
तीन की तलाश अभी भी जारी
बता दें कि शुक्रवार को हुए हादसे के बाद घटनास्थल से बाहर निकाले गए 50 मजदूरों में से चार की मौत की पुष्टि शनिवार को हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि तीन लापता मजदूरों की तलाश अभी जारी है। ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि 46 श्रमिकों को अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया, जिसमें से रीढ़ की हडडी की चोट से पीड़ित एक श्रमिक को हवाई एंबुलेंस के जरिए बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है। ले. कर्नल डी.एस. मल्ध्या ने बताया कि अस्पताल में भर्ती तीन अन्य मजदूरों की स्थिति भी गंभीर है लेकिन उनका उपचार किया जा रहा है।
बचाव अभियान के गति पकड़ने की संभावना
चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम साफ है और दिल्ली से ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सिस्टम भी आने वाला है, जिससे लापता मजदूरों को ढूंढने के अभियान के गति पकड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जीपीआर को मौके पर पहुंचाने के लिए सेना का एमआई 17 देहरादून में इंतजार कर रहा है। करीब 3200 मीटर की उंचाई पर भारत-चीन सीमा पर स्थित आखिरी गांव माणा में शुक्रवार को हिमस्खलन होने से बीआरओ शिविर में आठ कंटेनरों में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे। मजदूरों की संख्या पहले 55 बतायी जा रही थी लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई है।
घटना की संभावना वाले स्थानों पर काम बंद करने के निर्देश
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर माणा में चल रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को हिमस्खलन से प्रभावित बिजली, संचार तथा अन्य सुविधाओं को जल्द से जल्द सुचारू करने के निर्देश दिए। बाद में, उन्होंने बताया कि हादसे में मारे गए मजदूरों के शवों को उनके घर भेजा जाएगा और इसके लिए चमोली जिला प्रशासन को सभी प्रकार की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए गए हैं। धामी ने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए जीपीआर सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि सोमवार से उंचाई वाले स्थानों पर फिर से मौसम खराब होने या हिमस्खलन की आशंका व्यक्त की गई है जिसके मददेनजर अप्रिय घटना की संभावना वाले स्थानों पर काम बंद करने या लोगों को वहां से हटाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।