Edited By Vandana Khosla, Updated: 23 May, 2025 08:16 AM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में 12 वर्षीय बालिका से कथित दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान के सहायक इंजीनियर पुत्र को बृहस्पतिवार को राहत देते हुए स्थानांतरण आदेश में प्रतिकूल विभागीय टिप्पणियां हटाए जाने के आदेश दिए।
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में 12 वर्षीय बालिका से कथित दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान के सहायक इंजीनियर पुत्र को बृहस्पतिवार को राहत देते हुए स्थानांतरण आदेश में प्रतिकूल विभागीय टिप्पणियां हटाए जाने के आदेश दिए।
दरअसल, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज मामले के आरोपी उस्मान के पुत्र मोहम्मद रिजवान खान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में सहायक अभियंता हैं। उन्होंने खटीमा से उनका दूरस्थ डिवीजन घनसाली में तबादला किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने दलील दी कि स्थानांतरण आदेश उत्तराखंड तबादला कानून 2017 की धारा 18(4) का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आधार पर उनका तबादला करते हुए कार्य में शिथिलता और वरिष्ठों के आदेशों का पालन न करने का उल्लेख स्थानांतरण आदेश में गलत तरीके से किया गया है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता के रिकॉर्ड में से प्रतिकूल टिप्पणी या लाल निशान हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणियां तभी की जानी चाहिए जब जांच पूरी होने के बाद याचिकाकर्ता को दोषी पाया गया हो। हालांकि, खान का स्थानांतरण आदेश यथावत रहेगा।