उत्तराखंड में भारी बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 5 लोगों की मौत, दो अन्य लापता

Edited By Nitika, Updated: 01 Aug, 2024 08:45 AM

5 people died due to heavy rain in uttarakhand

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई जबकि दो अन्य लापता हैं।

 

देहरादूनः उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई जबकि दो अन्य लापता हैं। मौसम विज्ञान विभाग के भारी बारिश के अलर्ट के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन के सचिव विनोद कुमार सुमन से अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों और वहां जारी बचाव और राहत कार्यों की जानकारी ली जबकि खराब मौसम के मद्देनजर चारधाम यात्रा के संबंध में संबंधित जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर निर्णय लेने को कहा गया है।

उधर, सुमन ने बताया कि भारी बारिश से केदारनाथ मार्ग पर भीमबली चौकी के पास 20-25 मीटर का पैदल रास्ता बह जाने और रास्ते में बड़े-बड़े बोल्डर (पत्थर) आने से फंसे 200 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली सूचना के अनुसार केदारनाथ में कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इसके अलावा, सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के एक गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया और मलबे के नीचे दबने से तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गई तथा करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि बहादराबाद के भारपुर गांव में हुई इस घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के दो सदस्यों की मृत्यु हो गयी जबकि एक अन्य घायल हो गया। टिहरी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि बारिश और अंधेरा होने के कारण नुकसान का पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने बताया कि मलबे से भानु प्रसाद (50) और उनकी पत्नी नीलम देवी (45) के शव बरामद हो गए हैं जबकि उनके पुत्र विपिन (28) को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया। एक अन्य घटना में चमोली जिले के देवचौली नामक स्थान पर एक मकान गिर जाने से एक महिला और एक बच्चा लापता हो गए। सूचना मिलने के बाद राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। राज्य में अतिवृष्टि की लगातार स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा है।

धामी ने मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक कार्य होने पर ही घरों से निकलें। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी और राज्य में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उधर, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने चारधाम यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जिलाधिकारियों को बृहस्पतिवार को यात्रा के संबंध में अपने स्तर पर निर्णय लेने को कहा है। इसके अलावा, हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थित चारधाम यात्रा पंजीकरण केंद्र में पंजीकरण की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को बंद रहेगी। भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए देहरादून और नैनीताल जिलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारियों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। उधर, राज्य के विभिन्न स्थानों पर बारिश जारी रही।

हरिद्वार में बुधवार शाम में कुछ घंटे हुई मूसलाधार बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया और खड़खड़ी सूखी नदी में पानी भरने से कांवड़ियों का एक वाहन बह गया। शहर के कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं और कनखल थाने में भी बरसात का पानी घुस गया। कई सड़कों पर जलभराव होने से प्रशासन को कई जगह कांवड़ियों के मार्ग में बदलाव भी करना पड़ा। तीन घंटे की भारी बारिश की वजह से पानी का बहाव इतना बढ़ा कि खड़खड़ी सूखी नदी में डाक कांवड़ियों का एक ट्रक भी बह गया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि ट्रक में कांवड़िए नहीं थे, लेकिन उसमें रसद और वापसी का जरुरी सामान था। खड़खडी पुलिस चौकी प्रभारी संजीत कंडारी ने बताया कि ट्रक श्मशान घाट तक बहते हुए देखा गया है। फिलहाल बारिश के साथ साथ पहाड़ों से पानी का आना जारी है। उन्होंने कहा कि बारिश रुकने के बाद ट्रक को बाहर निकाला जाएगा।

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