Edited By Vandana Khosla, Updated: 11 Oct, 2024 12:34 PM
उधम सिंह नगरः उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, जहां कोरोना काल लोगो के लिए एक मुसीबत का दौर बना हुआ था। वहीं कोरोना काल गंभीर अपराधों में दोषी कैदियों के लिए वरदान साबित हुआ था। जबकि इस दौरान कोविड नियमों का...
उधम सिंह नगरः उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, जहां कोरोना काल लोगो के लिए एक मुसीबत का दौर बना हुआ था। वहीं कोरोना काल गंभीर अपराधों में दोषी कैदियों के लिए वरदान साबित हुआ था। जबकि इस दौरान कोविड नियमों का पालन करते हुए कुमाऊं मंडल में कैदियों को पैरोल दी गई थी। वहीं सूत्रों की मानें तो कुमाऊं मंडल के 4 जेलों के 255 कैदी पैरोल से वापस नहीं आए। इसी बीच उधम सिंह नगर के सितारगंज केंद्रीय जेल से भी पैरोल पर गए कैदी फरार चल रहे हैं। अब फरार कैदियों को पुलिस ढूंढने में लगी हुई है लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। इसके चलते पुलिस प्रशासन की परेशानी बढ़ चुकी है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक जेल प्रशासन ने कोरोना काल में इन कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए थे। इनमें से कई कैदी हत्या, डकैती और चोरी जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए थे। वहीं जेल प्रशासन के नियमों की उल्लंघना करते हुए ये अपराधी अभी तक फरार चल रहे हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भीड़ भाड़ वाली जेलों में कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 2020 वर्ष में इन कैदियों को तीन महीने की पैरोल दी गई थी। हालांकि, पैरोल खत्म होने के बाद वे वापस नहीं लौटे। उन्होंने बताया कि अब यह मामला देहरादून मुख्यालय तक पहुंच गया है। इसमें अधिकारियों को इन कैदियों को पकड़ने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
उधम सिंह नगर के एसपी सिटी मनोज कत्याल ने कहा, "विभाग ने भगोड़ों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। उन्हें पकड़ने और हिरासत में वापस लाने के लिए समर्पित पुलिस टीमें बनाई गई हैं।" बता दें कि जेल नियमों के अनुसार कैदियों को अधिकतम एक महीने के लिए पैरोल दी जा सकती है। इसमें करीबी पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु या शादी जैसी विशेष परिस्थितियों में तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं कुछ मामलों में लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदियों को राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी से 14 दिनों तक की पैरोल भी दी जा सकती है।