Edited By Vandana Khosla, Updated: 17 Jun, 2025 08:28 AM

नैनीतालः केदारनाथ के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार से इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर तैनात हेलीकॉप्टरों से सफर करना श्रद्धालुओं के लिए...
नैनीतालः केदारनाथ के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार से इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर तैनात हेलीकॉप्टरों से सफर करना श्रद्धालुओं के लिए कितना सुरक्षित है। रविवार को हुए केदारनाथ हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी सातों लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी।
हेली दुर्घटना में 13 लोगों की मौत पर HC ने जताई चिंता
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने तीर्थयात्रा मार्ग पर बढ़ती हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि आठ मई को एक अन्य हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और उसमें भी पायलट समेत छह लोगों की जान चली गई थी। यात्रा शुरू होने के बाद पांच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं और उनमें 13 व्यक्तियों की मृत्यु होने पर अदालत ने सरकार से इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने और अपना जवाब दाखिल करने को कहा। इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के संबंध में सवाल पूछे।
जानें कौन से सवाल पूछे?
अदालत ने पूछा कि यात्रा में इस्तेमाल किए जा रहे हेलीकॉप्टर क्या तय कार्यक्रम के हिसाब से संचालित हो रहे हैं और क्या इसमें नियमों का पालन किया जा रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि खराब मौसम में हेलीकॉप्टर उड़ाना विनाशकारी हो सकता है और संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर एहतियात बरतने के लिए कहा जाना चाहिए। मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने अदालत को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने फिलहाल हेली सेवाओं पर रोक लगा दी है और वह भविष्य में श्रद्धालुओं को बेहतर सेवा और सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है।