Edited By Nitika, Updated: 05 Sep, 2023 05:25 PM

रामदास 2007 में इस सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद से वह यहां से लगातार चार बार जीते। दिवंगत विधायक के प्रति सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने उनकी पत्नी पार्वती दास को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि...
देहरादूनः उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद की 47 बागेश्वर विधानसभा (विस) क्षेत्र के लिए उपचुनाव हेतु शान्तिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया है।उपचुनाव में मुख्य मुकाबला प्रदेश में चिर परिचित प्रतिद्वंदियों सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच है। हालांकि, पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे भाजपा विधायक चंदन रामदास की बीमारी के कारण अप्रैल में मृत्यु होने से रिक्त हुई सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा के अलावा तीन अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं।
रामदास 2007 में इस सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद से वह यहां से लगातार चार बार जीते। दिवंगत विधायक के प्रति सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने उनकी पत्नी पार्वती दास को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने उनके विरूद्ध बसंत कुमार को टिकट दिया है। कुमार ने 2022 का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ा था और उपचुनाव से ऐन पहले आप का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा। भाजपा और कांग्रेस के अलावा, समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि मुख्य मुकाबला हमेशा की तरह कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है।

विस क्षेत्र में कुल 2545 वरिष्ठ मतदाता हैं। इनमें पुरूषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। इनमें से 963 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से पूर्व में ही मतदान कर दिया था। इसी प्रकार 1355 दिव्यांग मतदाताओं में से 50 ने पोस्टल बैलेट जबकि निर्वाचन ड्यूटी में तैनात 624 ने पोस्टल बैलेट से पूर्व में ही मतदान कर चुके हैं। पूरी विधानसभा में एक सखी बूथ और पांच आदर्श मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पार्वती दास, कांग्रेस के बसंत कुमार, समाजवादी पार्टी से भगवती प्रसाद, उक्रांद से अर्जुन कुमार और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से भगवत कोहली प्रत्याशी हैं।