Edited By Vandana Khosla, Updated: 10 Apr, 2025 03:39 PM

उत्तरकाशीः उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले का मथोली गांव ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गया है। जहां महिलाएं ‘होमस्टे' के माध्यम से पयर्टकों को आतिथ्य के साथ ही उन्हें ‘विलेज टूर' (गांव भ्रमण) तक करा रही हैं।
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले का मथोली गांव ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गया है। जहां महिलाएं ‘होमस्टे' के माध्यम से पयर्टकों को आतिथ्य के साथ ही उन्हें ‘विलेज टूर' (गांव भ्रमण) तक करा रही हैं।
मथोली गांव के ही प्रदीप पंवार ने महिलाओं को दिया प्रशिक्षण
आपको बताते चलें कि चिन्यालीसौड़ ब्लॉक में स्थित 'ब्वारी गांव' के रूप में चर्चित हो रहे मथोली गांव को पर्यटक गांव में बदलने का श्रेय गांव के ही युवक प्रदीप पंवार को जाता है। जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान अपने ग्राम लौटना पड़ा। पयर्टन के क्षेत्र में काम करने का अनुभव रखने वाले पंवार ने गांव के पास मौजूद अपनी गौशाला को होमस्टे में बदल कर उसे पर्यटकों के लिए खोल दिया। इसी के साथ उन्होंने गांव की महिलाओं को भी ‘होम स्टे' संचालन (आतिथ्य सत्कार, भोजन बनाने, ट्रैकिंग, विलेज टूर) का प्रशिक्षण दिया।
वर्ष 2022 में प्रदीप पंवार ने गांव में की थी ‘होमस्टे' की शुरुआत
स्थानीय महिला अनीता पंवार ने बताया कि गांव में अब अन्य महिलाएं भी अपनी गौशालाओं को होमस्टे में परिवर्तित करने के लिए आगे आई हैं । प्रदीप पंवार ने बताया कि आठ मार्च 2022 को उन्होंने अपने ‘होमस्टे' की शुरुआत की थी। जिसके बाद से वहां अब तक करीब एक हजार पर्यटक आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इससे करीब 20 महिलाओं को भी समय-समय पर काम मिला। प्रदीप पंवार ने बताया कि उन्होंने अपने ‘होम स्टे' को अब पयर्टन विभाग में पंजीकृत करवा दिया है। जिससे वे ऑनलाइन बुकिंग भी ले सकते हैं।
मथोली गांव से अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए-सीएम धामी
इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ' मथोली गांव, ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण है। यदि गांव का कोई परिवार ‘होमस्टे' संचालन के लिए आगे आता है तो उन्हें पर्यटन विभाग की सभी योजनाओं का लाभ देने के अलावा उसकी पंजीकरण प्रक्रिया में भी सहयोग किया जाएगा। मथोली गांव से अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।”