Edited By Nitika, Updated: 08 Aug, 2024 03:37 PM
उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में पिछले दिनों गंगोत्री धाम देव गाड़ में बहुत तेजी से जलस्तर बढ़ने गंगा का वेग भागीरथ शिला तक जा पहुंचा, जिससे गंगोत्री धाम में गंगा स्नान घाटों, आश्रमों, पुलों, गंगा के किनारे की दुकानों, नमामि गंगे के तहत बने सुंदर घाटों...
उत्तरकाशीः उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में पिछले दिनों गंगोत्री धाम देव गाड़ में बहुत तेजी से जलस्तर बढ़ने गंगा का वेग भागीरथ शिला तक जा पहुंचा, जिससे गंगोत्री धाम में गंगा स्नान घाटों, आश्रमों, पुलों, गंगा के किनारे की दुकानों, नमामि गंगे के तहत बने सुंदर घाटों का पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इस बीच जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बुधवार को गंगोत्री धाम का भ्रमण कर इन तमाम कार्यों के लिए प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण किया। प्रस्तावित परियोजनाओं के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ही गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक भी की गई।
जिला प्रशासन ने दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं बाढ़ सुरक्षा के लिए नदी तटों पर अत्यधिक मजबूत व आधुनिक तकनीक से युक्त सुरक्षा ढांचे का निर्माण की योजनाएं बनाने के लिए प्रशासन के स्तर से तेजी से कार्रवाई की जा रही है। साथ ही नदी के दूसरे तट पर धाम के आखिरी सिरे तक आस्था पथ बनाने के साथ ही घाटों व झूला पुलों की श्रृंखला के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना का प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि गंगोत्री धाम देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है लिहाजा धाम में सुरक्षा व अवस्थापना सुविधाओं के सृजन के लिए दीर्घकालीन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्तरीय नियोजन व निर्माण कार्य करवाए जाने पर शासन-प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है। गंगोत्री धाम के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करवाया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि धाम के विकास से जुड़ी दीर्घकालीन महत्व की इन परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर शासन की स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि धाम में आगामी एक से दो दशक में तीर्थयात्रियों की संख्या में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि इन परियोजनाओं की डीपीआर को जल्द से जल्द तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है।