Edited By Vandana Khosla, Updated: 01 Mar, 2025 12:11 PM
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उत्तराखंड हिमस्खलनः प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शेष बचे 8 मजदूरों का बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से...
उत्तराखंड हिमस्खलनः प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शेष बचे 8 मजदूरों का बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं। बता दें कि बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में कई फुट बर्फ के नीचे फंसे 22 मजदूरों में से 14 मजदूरों को बचा लिया गया है और आठ अन्य को बचाने का प्रयास जारी है। शनिवार सुबह मौसम साफ होने पर बचाव दल ने फिर से मजदूरों को बचाने के लिए अभियान शुरू किया। हिमस्खलन के कारण शुक्रवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 55 श्रमिक बर्फ में फंस गए थे और उनमें से 33 को शुक्रवार को निकाल लिया गया। बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य बाधित हुआ और रात में अभियान को स्थगित कर दिया गया।
वहीं,शनिवार को मौसम साफ होने पर बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि माणा में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, बचाव दल ने 14 और श्रमिकों को बर्फ से बाहर निकाला जबकि बाकी आठ की तलाश जारी है, जो 24 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं।