Edited By Vandana Khosla, Updated: 01 Jul, 2025 12:07 PM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण के मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश जी0 नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की युगलपीठ में भुवन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण के मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश जी0 नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की युगलपीठ में भुवन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। सरकार की ओर से इसके लिये कानून बनाया गया है जो कि असंवैधानिक है। आगे कहा गया कि जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है। यह भी कहा गया कि उच्च न्यायालय वर्ष 2017 में राज्य सरकार की आरक्षण नीति को पहले ही अपने आदेश में खारिज कर चुकी है और राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर चुकी है।
इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कानून बना कर आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अब बुधवार को सुनवाई होगी।