Edited By Ramanjot, Updated: 02 Jul, 2024 10:20 AM
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देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने से आपराधिक न्याय के एक नए युग का आरंभ हो गया हैं। वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह...
देहरादून: देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने से आपराधिक न्याय के एक नए युग का आरंभ हो गया हैं। वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी नए आपराधिक कानूनों का औपचारिक शुभारंभ किया। धामी ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अफसरों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए उत्तराखंड में तैयारी की जानकारी ली।
"अब लोगों को आसान तरीके से मिल सकेगा न्याय"
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन तीन नए कानूनों को लागू करने की तैयारी पहले से ही कर चुकी थी। इस संबंध में 20 करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया गया था। सीएम धामी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। अंग्रेजों के जमाने के जटिल कानूनों का सरलीकरण किया गया है। अब लोगों को आसान तरीके से न्याय मिल सकेगा। अपराधी किसी भी स्तर पर नहीं बच पाएंगे। अंग्रेजों के काले कानून से देश को निजात मिल गई है। उन्होंने कहा कि नए कानून से व्यवस्था और दुरुस्त होगी। सीएम धामी ने केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, गृह सचिव दिलीप जावलकर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत पुलिस के कई सीनियर ऑफिसर्स मौजूद रहे। उत्तराखंड में लागू होने वाले तीन नए कानून पर बोलते हुए डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि नए कानून लागू होना एक आजादी जैसा है।