Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Sep, 2024 04:20 PM
रूड़कीः उत्तराखंड में रूड़की के ईदगाह चौक के पास निजी होटल में अजमत-ए-रसूल चिश्ती साबरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सूफी राशिद ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान सूफी राशिद ने एक विवादित ब्यान दिया जिससे हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि पिरान कलियर सालाना...
रूड़कीः उत्तराखंड में रूड़की के ईदगाह चौक के पास निजी होटल में अजमत-ए-रसूल चिश्ती साबरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सूफी राशिद ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान सूफी राशिद ने एक विवादित ब्यान दिया जिससे हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि पिरान कलियर सालाना उर्स में आने वाले पाकिस्तानी जायरीनों को गंगाजल और श्रीमद्भागवत गीता दिया जाना मुस्लिम परंपरा के तहत गलत है।
दरअसल, पिछले साल कलियर उर्स में आए पाकिस्तानी जायरीनों को उर्स के समापन पर वापस लौटते समय वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने गंगाजल और गीता भेंट की थी। जिस पर सूफी राशिद ने आपत्ति जताते हुए मुस्लिम परंपरा के विरुद्ध बताया है। उन्होंने कहा कि पिरान कलियर सालाना उर्स में आने वाले पाकिस्तानी जायरीनों को गंगाजल और श्रीमद्भागवत गीता दिया जाना मुस्लिम परंपरा के तहत गलत है। साथ ही कहा कि जायरीनों को कुरान शरीफ, खजूर और साबिर साहब की चादर भेंट में दी जानी चाहिए।
अब सवाल यह उठता है कि एक सूफी जो सर्वसमाज का होता है, इस तरह की बयानबाजी करना कहां तक उचित है। वहीं सूफी राशिद के इस ब्यान पर फ़ोन पर हुई वार्ता में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी आतंकी सोच के लोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी जायरीनों को तोहफा देते हुए एक संदेश देने का काम किया गया था। वहीं आगे कहा कि अगर किसी को इस संदेश से परेशानी है तो ऐसे लोगों की मानसिकता को समझा जा सकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिसे हिंदुस्तान में रहते हुए भगवान श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण से परेशानी है ऐसे लोगो को हिंदुस्तान में रहने का कोई अधिकार नहीं है।