उत्तराखंड के पहले आधुनिक मदरसे में मार्च से शुरू होगी पढ़ाई, अरबी के अलावा संस्कृत पढ़ने का भी मिलेगा मौका

Edited By Ramanjot, Updated: 19 Jan, 2025 11:59 AM

studies will begin in uttarakhand s first modern madrasa from march

शम्स ने बताया कि देहरादून में रेलवे स्टेशन के निकट मुस्लिम कॉलोनी में करीब 50 लाख रूपये से विकसित किए गए इस आधुनिक मदरसे का नाम ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा' रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम कॉलोनी के आसपास के क्षेत्रों में स्थित करीब 10...

देहरादून: उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा बनकर तैयार हो चुका है जहां सामान्य स्कूलों की तरह सभी विषयों की पढ़ाई के साथ ही छात्रों को अरबी के अलावा वैकल्पिक भाषा के रूप में संस्कृत पढ़ने का भी मौका मिलेगा। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि मार्च में आगामी शैक्षणिक सत्र से वहां पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 

शम्स ने बताया कि देहरादून में रेलवे स्टेशन के निकट मुस्लिम कॉलोनी में करीब 50 लाख रूपये से विकसित किए गए इस आधुनिक मदरसे का नाम ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा' रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम कॉलोनी के आसपास के क्षेत्रों में स्थित करीब 10 मदरसों में से सर्वश्रेष्ठ जगह पर स्थित इस बड़े मदरसे को आधुनिक बनाया गया है और इसे बढ़िया कक्ष, फर्नीचर, कम्प्यूटर और स्मार्ट बोर्ड से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि आसपास के मदरसों को बंद कर वहां पढ़ रहे सभी बच्चों को अब एक ही स्थान में इस आधुनिक मदरसे में पढ़ाया जाएगा। 

शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की योजना साल के अंत तक प्रदेश में आठ से 10 मदरसों के आधुनिकीकरण की है और इन्हें भी आसपास के क्षेत्रों के छोटे-छोटे मदरसों में से सबसे बड़े और सर्वश्रेष्ठ जगह के आधार पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ इससे इनका प्रबंधन आसान होगा और मदरसों की खाली होने वाली संपत्तियों का उपयोग वक्फ बोर्ड अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कर सकेगा।'' उन्होंने बताया कि इन मदरसों में सीबीएसई के एनसीईआरटी पाठयक्रम से सुबह से दोपहर तक सामान्य शिक्षा दी जाएगी जबकि शाम को छात्र अपनी पसंद से कुरान, मुहम्मद साहब या भगवान राम आदि के बारे में पढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य एक खूबसूरत भारत बनाना है जहां सभी बच्चों को समान शिक्षा और आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें।'' 

शम्स ने बताया कि इन मदरसों में छात्रों को निशुल्क शिक्षा देने के साथ ही उनके लिए स्कूल ड्रेस और किताबों का प्रबंध भी वक्फ बोर्ड ही करेगा। उन्होंने बताया कि पहली बार मदरसों में शारीरिक शिक्षा के लिए पूर्व सैनिकों को भर्ती किया जाएगा जो न केवल छात्रों को शारीरिक रूप से फिट रखने में बल्कि उनके अंदर देशप्रेम का जज्बा भी पैदा करने में मदद करेंगे। मदरसों में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी । 

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