सितोनस्यूं को सीता सर्किट के रूप में विकसित करने की शुरुआत, राम मंदिर की तर्ज पर पौड़ी में बनेगा मां सीता का मंदिर!

Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Nov, 2024 02:08 PM

start of development of sitonsyun as sita circuit maa sita temple

पौड़ीः उत्तराखंड के पौड़ी में स्थानिय लोगों ने सीता माता परिपथ (सर्किट) समिति का निर्माण कर पूरे क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की शुरुआत कर दी है। परिपथ यात्रा के अध्यक्ष सुनील लिंगवाल ने बताया कि यात्रा देवप्रयाग संगम में स्नान...

पौड़ीः उत्तराखंड के पौड़ी में स्थानिय लोगों ने सीता माता परिपथ (सर्किट) समिति का निर्माण कर पूरे क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की शुरुआत कर दी है। परिपथ यात्रा के अध्यक्ष सुनील लिंगवाल ने बताया कि यात्रा देवप्रयाग संगम में स्नान करने के बाद रघुनाथ मंदिर से विधाकोटी और उसके बाद मुछियाली पहुंची। मुछियाली में मां सीता का 600 वर्ष पुराना मंदिर है। जिसका प्रचार प्रसार कर सभी तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र के धार्मिक महत्व को जन जन तक पहुंचाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया है।

"मां सीता के दर्शन के लिए सितोंस्यू पहुंचेंगे श्रद्धालु"
वहीं, समिति के संयोजक अनसूया प्रसाद सुन्द्रियाल ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं की बात की जाए तो जिस तरह से अयोध्या में भगवान श्री राम को पूजा जाता है। उसी तर्ज पर सितोंस्यू क्षेत्र में मां सीता को पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि इसकी धार्मिक मान्यताओं को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है। जिस तरह से लोग आज देश के विभिन्न राज्यों से अयोध्या पहुंच रहे हैं। आने वाले समय में लोग मां सीता के दर्शन के लिए सितोंस्यू पहुंचेंगे। बताया गया कि सितोंस्यू वहीं क्षेत्र है जहां पर लक्ष्मण जी का मंदिर, महर्षि वाल्मीकि का मंदिर और विधाकोटी स्थित है और उसे एक सर्किट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी को लेकर देवप्रयाग से इस यात्रा की शुरुआत की गई है जो की मुख्य पड़ाव से होते हुए बीती रात्रि विश्राम के लिए कोटसाड़ा पहुंची है।

"सितोंस्यू में मां सीता के भव्य मंदिर का किया जाए निर्माण "
संयोजक अनसूया प्रसाद ने कहा कि क्षेत्र के सभी लोगों का प्रयास है की सितोंस्यू में मां सीता का एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए। ताकि अयोध्या के तर्ज पर मां सीता के मंदिर को भी एक नई पहचान मिल सके। इस मंदिर के निर्माण के बाद जहां धार्मिक पर्यटन के रूप में क्षेत्र का विकास होगा। यहां पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने के साथ आसपास के लोगों का व्यवसाय भी बढ़ेगा। उनकी आर्थिक में भी वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण इलाकों से हो रहे पलायन पर भी अंकुश लगेगा।

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