Edited By Vandana Khosla, Updated: 07 Jan, 2025 01:28 PM
नैनीतालः उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों पर अभी संकट टला नहीं है। निकायों के आरक्षण के मामले में उच्च न्यायालय लगातार सुनवाई कर रहा है। इस प्रकरण में आज यानी मंगलवार को भी सुनवाई होगी। धारचूला, अल्मोड़ा, शक्तिगढ़, द्वाराहाट, गुप्तकाशी, महुआ डाबरा के...
नैनीतालः उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों पर अभी संकट टला नहीं है। निकायों के आरक्षण के मामले में उच्च न्यायालय लगातार सुनवाई कर रहा है। इस प्रकरण में आज यानी मंगलवार को भी सुनवाई होगी। धारचूला, अल्मोड़ा, शक्तिगढ़, द्वाराहाट, गुप्तकाशी, महुआ डाबरा के अलावा उत्तरकाशी नगर निकायों के अध्यक्ष पदों पर आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही हल्द्वानी और देहरादून नगर निगमों के महापौर पदों के आरक्षण पर भी सवाल उठाये गए हैं। कहा गया है कि नियमों के विपरीत दोनों सीट कई सालों से अनारक्षित चली आ रही हैं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। अदालत ने निगमों में आरक्षण के मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और अब नगर पालिकाओं में आरक्षण को लेकर सुनवाई जारी है। अब आज भी सुनवाई होगी। अदालत का शुरू से ही इस मामले में बेहद सख्त रुख है। निगमों में आरक्षण के मामले में प्रदेश सरकार अभी तक घिरी हुई नजर आ रही है। अदालत के तर्क का उसके पास कोई ठोस जवाब नहीं है। अलग-अलग दायर याचिकाओं में कहा गया है कि आरक्षण तय करने में संवैधानिक प्रावधानों और आरक्षण नियमावली का अनुपालन नहीं किया गया है। मनमाने ढंग से आरक्षण थोप दिया गया है जबकि सरकार की ओर से सफाई दी गई कि तय मानकों के आधार पर आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। आपत्तियां भी ली गईं और उनका उचित निस्तारण किया गया है।
वहीं, सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत की ओर से दलील दी गई कि लद्दाख स्वायत्त विकास परिषद का मामला अलग है। सरकार की ओर से याचिकाओं की पोषणीयता पर भी सवाल उठाए गए और कहा गया कि इन मामलों को चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी जानी चाहिए। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने विगत 23 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश के 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिकाओं और 46 नगर पंचायतों के लिये चुनाव घोषित कर दिए थे। नामांकन के बाद चुनाव प्रक्रिया जारी है। आगामी 23 जनवरी को मतदान होगा जबकि 25 जनवरी को मतगणना निर्धारित की गई है।