उत्तराखंड सत्र के दृष्टिगत विधान भवन के चारों तरफ निषेधाज्ञा लागू, 5 सितंबर से होगा आरंभ

Edited By Nitika, Updated: 03 Sep, 2023 12:46 PM

prohibitory orders imposed around vidhan bhavan

उत्तराखंड की पंचम विधान सभा (विस) का वर्ष 2023 के द्वितीय सत्र के पांच सितंबर से आरम्भ हो रहे सत्र के दौरान, देहरादून में विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु मंगलवार से सत्र की समाप्ति तक दण्ड प्रक्रिया...

 

देहरादूनः उत्तराखंड की पंचम विधान सभा (विस) का वर्ष 2023 के द्वितीय सत्र के पांच सितंबर से आरम्भ हो रहे सत्र के दौरान, देहरादून में विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु मंगलवार से सत्र की समाप्ति तक दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू रहेगी।

जिलाधिकारी सोनिका ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उक्त क्षेत्रान्तर्गत, कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, लाठी, हाकी स्टिक, तलवार अथवा अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र, जिसका फल ढाई इंच से अधिक न हो, बम और किसी अन्य प्रकार की बारूद वाले अस्त्र जिसका प्रयोग हिंसा के लिए किया जाता हो, लेकर नहीं चलेगा। इस दौरान, न ही कोई हिंसा के प्रयोग हेतु ईंट, पत्थर, रोड़ा आदि एकत्र ही करेगा। उन्होंने बताया कि साथ ही यह भी आदेश दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति अपने घर के आंगन के अतिरिक्त पटाखों एवं बारूद से बने किसी भी वस्तु का प्रयोग सड़क पर गली पर व चौराहे पर नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि शस्त्र अथवा लाठी लेकर चलने का प्रतिबन्ध ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों पर लागू नहीं होगा।

जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि उक्त क्षेत्रान्तर्गत, किसी भी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर का प्रयोग सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले उत्तेजक भाषण करना किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि को भी प्रतिबन्धित किया जाता है। उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्र में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चौराहे पर अथवा अन्य जगह पांच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। इसके अलावा, किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर, ट्रॉलियों अथवा दोपहिए वाहनों तथा चौपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है। किसी भी प्रकार के जुलूस/ प्रदर्शन सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति राजकीय सम्पत्ति को किसी प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्षति नहीं पहुंचाएगा।

वहीं सोनिका ने कहा कि उक्त आदेश इस आशय से निर्गत किए जा रहे हैं कि शान्ति व्यवस्था अथवा आपसी सामंजस्य बनाए रखने हेतु कोई भी अवांछनीय तत्व कोई गैर जिम्मेदार हरकत न कर सके तथा जनपद में उक्त क्षेत्र में कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रह सके। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश 05 सितम्बर से विधान सभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेंगे। यदि इससे पूर्व इनको अपास्त न कर दिया जाए। आदेश का उल्लंघन भादंवि की धारा 188 के अधीन दण्डनीय होगा। थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने स्तर से प्रचार-प्रचार सुनिश्चित करेंगे।

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