Edited By Nitika, Updated: 31 Jul, 2024 12:15 PM
उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर पुलिस को लाखों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को अपनी हिरासत में लेना भारी पड़ गया। इतना ही नहीं उन्हें अपनी नौकरी बचानी भारी पड़ गई। दरअसल, जनपद की पुलिस एक 50 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को सूचना के...
उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर पुलिस को लाखों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को अपनी हिरासत में लेना भारी पड़ गया। इतना ही नहीं उन्हें अपनी नौकरी बचानी भारी पड़ गई। दरअसल, जनपद की पुलिस एक 50 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को सूचना के आधार पर अयोध्या यूपी पकड़ने गई थी। जिस समय पुलिस आरोपी युवक को अपनी हिरासत में लेकर अपने जिले में लाने लगे तभी अचानक आरोपी युवक की तबियत बिगड़ने लगी। इसे देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में उसे अयोध्या के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अयोध्या पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा शव को परिजनों को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार, बीते 17 जुलाई को कोतवाली रुद्रपुर में भास्कर के खिलाफ आरएस लॉजिस्टिक के मालिक हरीश मुंजाल ने एक तहरीर दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि भास्कर ने अपने साथी कर्मचारियों के साथ मिलकर 52 लाख 40 हजार की धोखाधड़ी की। इसी सिलसिले में पुलिस उसे कई दिनों से खोज रही थी। इसी बीच उधम सिंह नगर पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी भास्कर अयोध्या में है। इसके बाद उधम सिंह नगर पुलिस की एक टीम अयोध्या के लिए रवाना हुई, जहां यूपी के अयोध्या में उधम सिंह नगर पुलिस ने हिरासत में आरोपी भास्कर को ले लिया। तभी अचानक पुलिस हिरासत में भास्कर की तबियत बिगड़ने लगी। आनन फानन में पुलिस कर्मी उसे बेसुध हालत में अयोध्या के जिला अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने भास्कर को मृत घोषित कर दिया।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने दी ये जानकारी
एसएसपी उधम सिंह नगर मंजू नाथ टीसी ने बताया कि 2024 में एक मुकदमा संख्या 368 पंजीकृत किया गया था। इसमें आरोपी के खिलाफ धारा 467, 568, 471 तथा 420 लगाई गई थी। एसएसपी ने बताया कि 52 लाख से अधिक के सरकारी फर्जी रसीद बनाई गई थी। ये सभी फर्जी रसीद सेल्स टैक्स, रोड टैक्स सहित कई अन्य टैक्स रसीद अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी की थी। इस आरोपी ने कंपनी मैनेजर के रूप में देश के अलग-अलग जगहों पर काम किया था। एक जगह ये भी उजागर हुआ कि जब पासपोर्ट मिनिस्ट्री से कंपनी को एक नोटिस आया। उसमें लिखा था कि आपके पास इतना टैक्स है, जब इसकी जांच के लिए सभी रसीद लेकर पहुंचे, तब वहां आरटीओ ने साफ तौर पर सभी रसीद को फर्जी बता दिया, जिसमें मुहर और साइन सभी फर्जी पाए गए।
जानिए क्या है पूरा मामला
17 जुलाई को मामला पंजीकृत किया गया था। बड़ा और संगीन मामला होने के कारण एक पुलिस टीम आरोपियों की धड़पकड़ के लिए गठित की गई। चेन्नई हेड भास्कर पांडे की धड़पकड़ के लिए जहां उसका मूल निवास है, वहां एक टीम रवाना हुई। दिन भर सर्च करने के बाद कुछ नहीं मिल पाया लेकिन शाम को एक बड़ी धर्मशाला में आरोपी की शिनाख्त की गई। तभी टीम आरोपी को दबोचने में कामयाब हो गई। इसी बीच भास्कर की तबियत बिगड़ने से मौत हो गई, जो उधम सिंह नगर पुलिस के लिए एक चिंता का विषय बन गया ।