Edited By Nitika, Updated: 23 Aug, 2024 10:59 AM
पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोमनाथ गिरि उर्फ पायलट बाबा को बृहस्पतिवार को यहां उनके कनखल आश्रम में भूसमाधि दे दी गई। पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। पायलट बाबा को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां बड़ी संख्या...
हरिद्वारः पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोमनाथ गिरि उर्फ पायलट बाबा को बृहस्पतिवार को यहां उनके कनखल आश्रम में भूसमाधि दे दी गई। पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। पायलट बाबा को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां बड़ी संख्या संतों के अलावा देश-विदेश से उनके अनुयायी आए थे।
पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री एवं नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने भी आश्रम पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान, साधु-संतों के सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, विभिन्न दलों के नेता, देश के बडे़ उद्योगपति और कारोबारी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। पंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की देखरेख में पायलट बाबा को अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर भूसमाधि दी गई।
पायलट बाबा की शिष्या महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरि व साध्वी श्रद्धा गिरि ने उन्हें समाधि दी। पायलट बाबा की जापानी शिष्या योगमाता केको आइकवा भी इस दौरान मौजूद रहीं। महंत हरी गिरि महाराज ने पायलट बाबा को सिद्ध संत बताते हुए कहा कि वह समाज, देश व धर्म की सेवा के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने बताया कि संन्यासी बनने से पूर्व पायलट बाबा भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर थे और उन्होंने 1962, 1965 व 1971 के युद्ध में भाग लिया था। उन्होंने बताया कि बाद में युद्ध की विभीषिका से आहत पायलट बाबा ने 1974 में संन्यास ले लिया और विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हो गए।
पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर के रूप में उन्होंने जहां देश सेवा की मिसाल कायम की, वहीं एक सच्चे व सिद्ध संत के रूप में उन्होंने भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोगों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पायलट बाबा ने जीवित रहते हुए कई बार जल समाधि, ‘एयर टाइट ग्लास रूम' में कई दिन तक योग साधना के बल पर दुनिया को सनातन और योग शक्ति से रूबरू कराया था। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी ने भी पायलट बाबा को उच्च कोटि का योगी बताते हुए कहा कि उनके देहावसान से सनातन की अपूरणीय क्षति हुई है।
पंचदशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठतम महामंडलेश्वर पायलट बाबा मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में ब्रहमलीन हो गए थे। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को यहां कनखल स्थित उनके आश्रम लाया गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।