Edited By Vandana Khosla, Updated: 15 Jul, 2025 11:59 AM

नैनीतालः केंद्र सरकार उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मामले में उच्च न्यायालय में सोमवार को जवाब दाखिल नहीं कर पाई है। न्यायालय ने उसे जवाब पेश करने के लिए 18 अगस्त तक की मोहलत दे दी है।
नैनीतालः केंद्र सरकार उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मामले में उच्च न्यायालय में सोमवार को जवाब दाखिल नहीं कर पाई है। न्यायालय ने उसे जवाब पेश करने के लिए 18 अगस्त तक की मोहलत दे दी है।
दरअसल, उत्तराखंड में इसी साल 27 जनवरी से यूसीसी अधिनियम लागू हो गया है। यूसीसी के विभिन्न प्रावधानों को अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। अधिकांश याचिकाओं में लिव इन रिलेशन के अलावा मुस्लिम समाज के विवाह, तलाक, इद्दत और विरासत के खिलाफ प्रावधानों को चुनौती दी गई है। यह भी दलील दी गई कि यूसीसी भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, जो धर्म के पालन के साथ ही स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
मुख्य न्यायाधीश जी0 नरेंद्र की अगुवाई वाली पीठ ने इसी साल 12 फरवरी को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। आज केन्द्र सरकार के अधिवक्ता की ओर से जवाब पेश करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई। जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया और 18 अगस्त तक की मोहलत दे दी।