उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा... केंद्र इसे राष्ट्रीय आपदा करे घोषित, एक हजार करोड़ का पैकेज दिया जाए- करन माहरा

Edited By Vandana Khosla, Updated: 05 Sep, 2025 03:39 PM

natural disaster in uttarakhand  center should declare it a national disaster

देहरादूनः उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के लिए ठोस कदम उठाते हुए राज्य को आपदाग्रस्त घोषित करते हुए एक हजार करोड़ रुपए का पैकेज देने की मांग की है।

देहरादूनः उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के लिए ठोस कदम उठाते हुए राज्य को आपदाग्रस्त घोषित करते हुए एक हजार करोड़ रुपए का पैकेज देने की मांग की है।

करन माहरा ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र में लिखा है कि इस समय पूरा उत्तराखंड भीषण दैवीय आपदाओं से घिरा हुआ है। राज्य में लगातार हो रही भारी बरसात से सभी पर्वतीय जिलों में जानमाल की भारी क्षति हुई है तथा सैकड़ों लोगों को असमय काल कल्वित होना पड़ा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि उत्तरकाशी जिले के धराली, चमोली जिले के थराली, बागेश्वर जिले के कपकोट, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैण में बादल फटने की घटनाओं से विनाशकारी आपदा ने जन जीवन अस्त व्यस्त किया हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के लगभग सभी 10 जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूटा हुआ है। जिसके कारण दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने में भी कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के धराली गांव के बाजार-मकान, होटल सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह खीर गंगा नदी में समा गए हैं तथा क्षतिग्रस्त मकानों एवं होटलों के मलबे में सैकड़ों लोगों के दबे होने की भी आशंका है।

राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपदा प्रबंधन में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग की चेतावनियों को भी नजरअंदाज किया गया। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तराखंड राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र इन आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम नजर नहीं आ रहा है। विभिन्न जनपदों में भारी बारिश एवं बादल फटने की घटनाओं के कारण आई आपदाओं में लापता एवं गंभीर रूप से घायलों की संख्या का भी अभी तक सही-सही आकलन नहीं हो पाया है।

माहरा ने कहा कि राज्यभर में लगातार हो रही भारी बरसात एवं अतिवृष्टि से आई दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है। जिसके कारण लोग भारी बारिश में भी खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुरूप आने वाले दिनों में होने वाली भारी बरसात में कई आपदा संभावित क्षेत्रों के लोगों की जानमाल की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। जिसके लिए समुचित कदम उठाये जाने नितांत आवश्यक हैं।

उन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री से आपदा पीड़ित प्रत्येक परिवारों को केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से 10-10 लाख रुपये की तात्कालिक सहायता के रूप में देने, आपदा में जिन लोगों के आवासीय मकान एवं व्यावसायिक भवनों को नुकसान हुआ है, उनकी संपत्ति का आंकलन कर उचित मुआवजे देने और आपदा से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने तथा प्रभावित क्षेत्र के लोगों का टिहरी बांध विस्थापितों की भांति सुरक्षित स्थानों पर एकमुश्त विस्थापन करने की भी मांग की है। 

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