"वनाग्नि की पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आगे की योजनाएं बनाए", CM धामी ने दिए निर्देश

Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Feb, 2025 12:57 PM

make future plans keeping in mind the past incidents of forest fire

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आई.टी.पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) में वनाग्नि नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), गृह मंत्रालय भारत सरकार तथा यूएसडीएमए...

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आई.टी.पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) में वनाग्नि नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), गृह मंत्रालय भारत सरकार तथा यूएसडीएमए द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल का अवलोकन किया। इस दौरान धामी ने राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से निपटने के लिए वनाग्नि की पिछली घटनाओं में आई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आगे की योजनाएं बनाने का निर्देश दिया।

"वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई"
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित की जाए। सभी विभागों के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और वन पंचायतों का भी वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सहयोग लिया जाए। वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने लिए सभी विभागों को एकजुटता से कार्य करना होगा। उन्होंने प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु को निर्देश दिया कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पत्र जारी किया जाए।

"वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए चलाए जागरूकता अभियान"
धामी ने कहा कि वनाग्नि से राज्य को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वन संपदा के नुकसान के साथ ही पशु हानि भी होती है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर नियमित जागरूकता अभियान चलाया जाए। नवविचारों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से भी अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सक्रिय भागीदारी दिखाएं। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए संयुक्त रूप से आयोजित इस मॉक ड्रिल में 06 जनपदों के 16 स्थान चिन्हित किये गए। वनाग्नि के कारण विभिन्न परिस्थितियों का किस तरह समाधान करना है, प्रतिक्रिया समय को कम करने, वनाग्नि को रोकने के लिए जन सहयोग और अन्य प्रभावी उपायों पर मॉक ड्रिल की गई।

"मॉक ड्रिल से वनाग्नि पर नियंत्रण पाने में मिलेगी मदद"
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल से जरूर वनाग्नि के समय उस पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वनाग्नि को रोकने के लिए राज्य को आधुनिक उपकरण देने पर भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर, उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग, विनय कुमार रुहेला, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन, आईजी, फायर, मुख्तार मोहसिन, एनडीएमए के सीनियर कंसल्टेंट, आदित्य कुमार, अपर सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन, डीआईजी, राजकुमार नेगी, अपर सचिव विनीत कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद अब्दुल्लाह अंसारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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