BJP के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बना केदारनाथ उपचुनाव, बद्रीनाथ में मिली हार का बदला लेना चाहती है पार्टी

Edited By Ramanjot, Updated: 03 Nov, 2024 12:56 PM

kedarnath by election has become a battle of prestige for bjp

कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत ने महज 850 मतों के अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप सिंह रावत को हराकर 2017 में यह सीट जीती थी। मनोज पत्रकारिता से राजनीति में आए हैं। इस सीट पर दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि भाजपा बद्रीनाथ विधानसभा सीट...

देहरादून: उत्तराखंड के महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थनगरी बद्रीनाथ में जुलाई में हुए उपचुनाव में हार के बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव (Kedarnath Assembly by-election) प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने 2002 और 2007 में उत्तराखंड विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 

दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी
कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत ने महज 850 मतों के अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप सिंह रावत को हराकर 2017 में यह सीट जीती थी। मनोज पत्रकारिता से राजनीति में आए हैं। इस सीट पर दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि भाजपा बद्रीनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव में मिली हार का बदला लेना चाहती है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत के बावजूद यह सीट बरकरार रखी थी। मजबूत बनकर उभरी कांग्रेस हिंदुत्व के एक और गढ़ में विजय हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। चार पवित्र स्थलों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की चारधाम यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थयात्राओं में से एक है। ‘हिंदुत्व के गढ़ में भाजपा की हार' का विपक्ष का विमर्श लोकसभा चुनाव में अयोध्या में पार्टी की पराजय के बाद मजबूत हुआ है। लोकसभा चुनाव में भाजपा राममंदिर के प्रखर मुद्दे के बाद भी अयोध्या में हार गई। 

शैलारानी रावत के निधन के बाद रिक्त हुई है यह सीट
केदारनाथ में अबतक के पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा तीन बार और कांग्रेस दो बार विजयी रही। नौटियाल ने 2002 और 2007 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर इस सीट पर जीत दर्ज की थी। शैला रानी रावत ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती थी। उन्होंने 2017 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर इस सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस के मनोज रावत से हार गई थीं। हालांकि, उन्होंने 2022 में रावत से यह सीट छीन ली। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इस लोकसभा क्षेत्र पर अभी भाजपा काबिज है। भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट रिक्त हुई है। इस सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे और 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी। 

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