Edited By Nitika, Updated: 26 Jun, 2024 02:32 PM
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने धौलीगंगा बांध परियोजना के प्रतिनिधियों को मंगलवार हुई बैठक में पिथौरागढ़ जनपद अंतर्गत, धारचूला में 360 डिग्री का पांच किलोमीटर तक की रेंज वाला सायरन लगाने के निर्देश दिए हैं।
देहरादूनः उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने धौलीगंगा बांध परियोजना के प्रतिनिधियों को मंगलवार हुई बैठक में पिथौरागढ़ जनपद अंतर्गत, धारचूला में 360 डिग्री का पांच किलोमीटर तक की रेंज वाला सायरन लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग को लापरवाही बरतने पर नाराजगी व्यक्त की है।
डॉ. सिन्हा ने कहा कि धारचूला मुख्य केंद्र है और यहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बांध प्रबंधन द्वारा फोन पर नदी का जल स्तर बढ़ने की सूचना दी जाती है। जो सायरन धौलीगंगा बांध परियोजना ने लगाया है, वह धारचूला से काफी दूर है और उसकी आवाज शहर तक नहीं पहुंचती। उन्होंने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के रवैये पर भी कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने उत्तराखंड में उसके नियंत्रणाधीन बांध और बैराजों में अर्ली वार्निंग सिस्टम नहीं लगाने पर, अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी ग्लेशियरों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है, इसलिए इनका अध्ययन भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर झीलों के अध्ययन के लिए जल्द एक दल जा रहा है। ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए भी एक दल जल्द भेजा जाएगा।
वहीं इस बैठक में टीएचडीसी के एजीएम एके सिंह ने बताया कि गाद जमा होने के कारण टिहरी बांध की जल भंडारण क्षमता घट गई है। पहले यह 2615 मिलियन घन मीटर थी और वर्तमान में यह 2500 मिलियन घन मीटर पर आ गई है। यूजेवीएनएल के अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने सेटेलाइट फोन भी खरीद लिए हैं। आपदा के समय यदि संचार व्यवस्था ठप हो जाए तो इनसे संवाद करने में बड़ी मदद मिलेगी।
इस पर सचिव ने कहा कि यदि और सेटेलाइट फोन की जरूरत हो तो यूएसडीएमए से ले सकते हैं। उन्होंने बांधों के पास उपलब्ध सेटेलाइट फोन के नंबर भी यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से साझा करने को कहा।