मानसून के दृष्टिगत 15 जून से पहले पूर्ण की जाए सभी तैयारियां, धामी ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों को दिए निर्देश

Edited By Nitika, Updated: 12 Jun, 2024 09:24 AM

dhami gave instructions to disaster management officials

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आगामी मानसून के संदर्भ में तैयारियों की समीक्षा की। पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि 15 जून से पहले मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूर्ण की जाए। सभी विभाग 15 जून तक आपदा प्रबंधन...

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आगामी मानसून के संदर्भ में तैयारियों की समीक्षा की। पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि 15 जून से पहले मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूर्ण की जाए। सभी विभाग 15 जून तक आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करना सुनिश्चत करें। एसटीपी प्लांट और पुराने पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली की तारों से कोई घटना घटित न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सीजन के दृष्टिगत मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से पिछले वर्षों में क्या चुनौतियां सामने आई और किन-किन क्षेत्रों में अधिक आपदाएं आई एवं इस तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए शासन और जनपद स्तर पर क्या तैयारियां की गई हैं, इसका पूरा कार्य योजना प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी लोगों तक समय पर पहुंचे। मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित रूप से अलर्ट मोड पर रखें। उन्होंने कहा कि मौसम के पुर्वानुमान और जन जागरूकता से अतिवृष्टि और आपदा के प्रभाव को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में ऐसे क्षेत्र जहां भू-स्खलन की समस्याएं रहती हैं, उन्हें चिह्नित कर जो भी आवश्यक व्यवस्थाएं करवाने की आवश्यकता है, समय पर पूरी की जाए। जिन क्षेत्रों में बरसाती नदी और नाले उफान पर आते हैं, उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए अभी से प्लान बना कर रखे जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून के दृष्टिगत विभिन्न कार्यों के लिए शासन स्तर से जो धनराशि की आवश्यकता है, उसका यथाशीघ्र प्रस्ताव भेजा जाए। अतिवृष्टि के कारण फसलों को होने वाले नुकसान का तुरंत आकलन कर मानकों के अनुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की व्यवस्था रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में आवश्यक दवाओं, खाद्य सामग्री एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त मात्रा में रखी जाए। आपदा कि स्थिति में प्रतिक्रिया समय कम से कम रखा जाए। मानसून अवधि में सभी जिलाधिकारी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपने जनपदों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार छुट्टी की घोषणा करें, स्कूल जाने के पैदल मार्गों में नदी और नाले वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग तलाशे जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा के दृष्टिगत त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अल्मोड़ा जनपद के सरियापनी में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) बटालियन खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से विभिन्न विभागों द्वारा शासन से जो धनराशि की मांग की जा रही है, वह धनराशि यथाशीघ्र संबंधित विभागों को दी जाए। जिलाधिकारियों द्वारा भी विभिन्न पदों में जो धनराशि की मांग की जा रही है, उन्हें भी शीघ्र धनराशि अवमुक्त की जाए। जिन विभागों को पहले की धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं हुई है, वह शीघ्र दी जाए, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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धामी ने निर्देश दिए कि मानसून अवधि में सड़कें, विद्युत और पेयजल लाइन बाधित होने की स्थिति में उनकी सुचारू व्यवस्थाओं के लिए प्रतिक्रिया समय कम से कम रखा जाए और वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि अतिवृष्टि से पिछले वर्ष के जो कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किए गए हैं, उन्हें 15 जून तक पूर्ण किया जाए।

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