Edited By Vandana Khosla, Updated: 11 Mar, 2025 02:35 PM

रुड़कीः होली से पहले होने वाले होलिका दहन का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी इसे विशेष स्थान दिया गया है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए कुछ विशेष उपाय जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष आचार्य रजनीश...
रुड़कीः होली से पहले होने वाले होलिका दहन का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी इसे विशेष स्थान दिया गया है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए कुछ विशेष उपाय जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष आचार्य रजनीश शास्त्री ने बताया कि होली का पर्व सदियों से सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र भक्त प्रह्लाद को कष्ट पहुंचाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन अंततः सत्य की ही जीत हुई।
जानिए कब होगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
आचार्य रजनीश शास्त्री ने बताया कि इस बार रंगोत्सव 14 मार्च को मनाया जाएगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:00 बजे के बाद रहेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी माना जा रहा है। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य रमेश सेमवाल ने बताया कि इस वर्ष की होली विशेष ज्योतिषीय संयोगों के साथ आएगी। 14 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा होने के साथ शिव वास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण,अभिजीत मुहूर्त और कई अन्य शुभ योग भी इस बार के होलिका दहन को और खास बना रहे हैं।
शुभ मुहूर्त पर जाप और पूजा करना होगा बेहद लाभकारी
आचार्य ने कहा कि इन संयोगों का सही लाभ उठाने के लिए होलिका दहन के समय विशेष मंत्रों का जाप और पूजा करना बेहद लाभकारी होगा। जिससे व्यक्ति को शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति हो सकती है। तो इस बार की होली ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाली है। अगर सही मुहूर्त में पूजा-अर्चना की जाए तो यह जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली ला सकती है।