Haridwar News... पतंजलि योगपीठ में आस्था व भक्ति के साथ गुरु पूर्णिमा महोत्सव सम्पन्न

Edited By Nitika, Updated: 21 Jul, 2024 03:55 PM

guru purnima festival concluded at patanjali yogapeeth

गुरु-शिष्य की पवित्र परम्परा का प्रतीक ‘गुरु पूर्णिमा', रविवार को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव व महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योग भवन ऑडिटोरियम में समारोह...

 

हरिद्वार/देहरादूनः गुरु-शिष्य की पवित्र परम्परा का प्रतीक ‘गुरु पूर्णिमा', रविवार को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव व महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योग भवन ऑडिटोरियम में समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा भारत की गुरु परम्परा, ऋषि परम्परा, वेद परम्परा व सनातन परम्परा का बहुत ही गौरवपूर्ण व पूर्णता प्रदान करने वाला उत्सव है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि अलग-अलग कारणों से पूरी दुनिया में इस्लाम, इसाईयत, कम्यूनिज्म, कैपिटलिज्म और अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद भौतिकवाद, इंटिलेक्चुअल टैरिरिज्म, रिलिजियस टैरिरिज्म, पॉलिटिकल, इकॉनोमिकल टैरेरिज्म, मेडिकल टैरेरिज्म, एजुकेशनल टैरेरिज्म सब एक्सपोज हो चुके हैं। ऐसे में सबकी दृष्टि भारत की ओर है कि भारत से पूरी दुनिया को शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक जीवन में नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह दिशा देने का कार्य भारत गुरु देश के रूप में करता रहा है, इसीलिए भारत विश्वगुरु रहा है। पतंजलि के संस्थापक अध्यक्ष ने कहा कि भारत अपनी उस भूमिका में पुन: आए, इसके 100 करोड़ से अधिक सनातनधर्मी अपने गुरुओं के सच्चे प्रतिनिधि बनें। योग तत्व, वेद तत्व व सनातन तत्व को अपने जीवन व आचरण में धारण करें। हमारे आचरण से किसी भी प्रकार से हमारी गुरु, ऋषि, वेद व सनातन परम्परा कलंकित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करने का पर्व है।

स्वामी रामदेव ने कांवड़ मेले के दौरान, प्रशासन द्वारा अस्थाई दुकानों व ढ़ाबा मालिकों के नाम के सत्यापन के संदर्भ में कहा कि जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्कत होनी चाहिए। अपने नाम पर तो सबको गौरव होता है। नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, अपने कार्य में शुद्धता व पवित्रता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कांवड़ मेले पर कहा कि कांवड़ के यात्री शिवत्व धारण कर ऐसा आचरण करें कि सबको लगे कि यह कांवड़िया नहीं, अपितु साक्षात शिव-पार्वती का साक्षात विग्रह जा रहा है। केदारनाथ धाम पर स्वामी रामदेव ने कहा कि जो हमारे देव स्थान या बड़े तीर्थ हैं, उनका कोई विकल्प नहीं हो सकता। जो भगवान के द्वारा बनाए गए धाम हैं, उन्हें कोई इन्सान नहीं बना सकता। धामी सरकार ने जो चारों धामों को पेटेंट करने का निर्णय लिया है, वह प्रशंसनीय है।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह पर्व हम सबके जीवन में सात्विकता व पवित्रता लेकर आए। हम अपने पूर्वजों के जीवन के आधार पर जीवन जीने का संकल्प लें। जीवन में हम अच्छे व सच्चे बनना चाहते हैं तो इसके लिए सफल, सक्षम महापुरुष के सान्निध्य की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि सिखाने व ज्ञान देने वाले को ही हमारे शास्त्रो में गुरु कहा गया है। सब गुरुजनों को भी इस दिवस पर प्रणाम। अपने जीवन में किसी ऐसे आदर्श गुरु, महापुरुष का आश्रय व आलम्बन लें, जिससे जीवन के अनसुलझे पहलु सुलझ जाएं। कावंड़ यात्रा के विषय में आचार्य बालकृष्ण ने कांवड़ियों से आह्वान किया कि आप बड़ा तप कर रहे हैं तो आपकी वाणी व व्यवहार में भी संयम झलकना चाहिए। श्रद्धा-भक्ति में न तो उद्दण्डता होनी चाहिए और न ही किसी को कष्ट होना चाहिए। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी इकाईयों के सेवा प्रमुख, सन्यासीगण, इकाई प्रमुख, विभागाध्यक्ष तथा प्रभारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!