देहरादून में बनती थी मशहूर कंपनियों की फर्जी दवाइयां... 4 कंपनी के मालिक व संयंत्र प्रमुख गिरफ्तार,  STF ने की बड़ी कार्रवाई

Edited By Vandana Khosla, Updated: 02 Sep, 2025 11:36 AM

fake medicines of famous companies were manufactured in dehradun

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने जीवन रक्षक दवाइयां बनाने वाली ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों की हूबहू नकल करके बाजार में बेचने के आरोप में चार कंपनी मालिक और संयंत्र प्रमुखों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एसटीएफ इस संबंध में...

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने जीवन रक्षक दवाइयां बनाने वाली ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों की हूबहू नकल करके बाजार में बेचने के आरोप में चार कंपनी मालिक और संयंत्र प्रमुखों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एसटीएफ इस संबंध में कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस प्रकार अब तक कुल दस लोग पकड़ लिए गए हैं।

एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नवनीत सिंह भुल्लर ने सोमवार को बताया कि जीवन रक्षक ब्रांडेड दवाइयों के नकली उत्पादनों की बाजार में बिक्री की शिकायत मिलने पर उस गिरोह की पहचान कर, कार्रवाई करना एक चुनौतीपूर्ण था। इसका आम जनमानस के स्वास्थय में व्यापक दुष्प्रभाव और राजस्व की भी बड़े स्तर पर हानि होती है। उन्होंने बताया कि इसकी रोकथाम व धरपकड़ के लिए पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने एसटीएफ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

उक्त मामले में एसटीएफ ने इसी वर्ष 01 जून को प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के नकली रैपर तथा नकली आउटर बॉक्स, लेबल तथा क्यूआर कोड भारी मात्रा के साथ संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, इस अभियोग में कुल 06 अभियुक्त संतोष कुमार, नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता, पंकज शर्मा व विजय कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार किया जा चुका है। भुल्लर ने बताया कि इस अभियोग में अभियुक्त गणों द्वारा केरन लाइफ साइंस प्रा लि, देहरादून, बीएलबीके फार्मास्युटिकल, देहरादून, ऑक्सी फार्मा प्रा लि, देहरादून और जेनेटिक फार्मास्युटिकल्स प्रा लि, देहरादून द्वारा नियमों को ताक पर रखकर केवल अभियुक्त नवीन बंसल के मौखिक ऑडर्र पर बिना ड्रग लाइसेंस वाली फर्म बीचैम बायोटेक नाम से भारी मात्रा में दवा की लगभग 18 लाख टेबलेट्स बिना स्ट्रिप्स में पैक किए उक्त नवीन बंसल उर्फ अक्षय की फर्जी फर्म को बेची गई।

उन्होंने बताया कि इन कंपनियों द्वारा दवा ट्रांसपोर्ट करने में मदद करने और अपनी बिक्री को सही साबित करने के लिए दवा बिल में अधिकतम दर शून्य (00.00) अंकित की गई। जो सरकारी हॉस्पिटल में सप्लाई के लिए की जाती है। अभियुक्त नवीन बंसल उर्फ अक्षय के पास किसी तरह का सरकारी या हॉस्पिटल के लिए मेडिसिन सप्लाई का कोई कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट या अनुमति नहीं थी। एसटीएफ एसपी के अनुसार, इस प्रकार अभियुक्त नवीन बंसल उर्फ अक्षय ने बिना स्ट्रिप्स पैक की दवाईयो को कंपनी की मदद से भिवाड़ी (राजस्थान) में प्राप्त कर आसानी से ब्रांडेड मेडिसिन कंपनी के नाम की स्ट्रिप्स में पैक कर सह अभियुक्तगण की मदद से बाजार में बेच दिया गया।

इस प्रकार इन दवाओं को भिवाड़ी से उक्त फर्जी फर्म से वर्ष 2023-24 और 2024-2025 में कई बार उपरोक्त दवा कम्पनियों से अवैध रूप से दवाईयां खरीदी। उन्होंने बताया कि इस फर्जी फर्म को दवा सप्लाई करने के लिए जानबूझ कर किए गए गंभीर आरोपों के द्दष्टिगत रविवार को 04 कम्पनी हेड प्रदीप गौड पुत्र भगवती प्रसाद, निवासी केवी थापा मार्ग, निकट ग्रीन वैली स्कूल, सेलाकुई, देहरादून, शैलेन्द्र सिंह पुत्र खुशीराम सिंह, निवासी 407/24, उत्तमनगर, टी0पी0 नगर, मेरठ, उत्तर प्रदेश, शिशिर सिंह पुत्र स्व0 शिव शंकर सिंह निवासी बी 603 एडब्ल्यूएचओ, निकट तुला इंस्टीट्यूट, थाना प्रेमनगर देहरादून और तेजेन्द्र कौर पत्नी जसमीत सिंह, निवासी एचआईजी 3 ए इंदिरापुरम, जीएमएस रोड, देहरादून को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में आगे भी गहनता से अन्य जानकारी की जा रही है। 

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