Edited By Harman Kaur, Updated: 12 Mar, 2023 06:25 PM

इस साल बदरीनाथ जाने वाले व्यावसायिक हेलिकॉप्टरों से ईको- विकास शुल्क लिया जायेगा। यह शुल्क बदरीनाथ नगर पंचायत हेलीकॉप्टर के हर फेरे से वसूल करेगी....
गोपेश्वर: इस साल बदरीनाथ जाने वाले व्यावसायिक हेलिकॉप्टरों से ईको- विकास शुल्क लिया जायेगा। यह शुल्क बदरीनाथ नगर पंचायत हेलीकॉप्टर के हर फेरे से वसूल करेगी। बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि इसके लिए नियमों को संशोधित किया जा रहा है । इसके साथ ही वाहन से आने वाले यात्रियों को अपना कूड़ा साथ में वापस लाने के लिए 'गार्बेज बैग' भी उपलब्ध कराए जाएंगे। जो वाहन इन ‘गार्बेज बैगों' को नगर पंचायत को लौटाएंगे, उन्हें शुल्क के लिए काटे गए धन से बीस रुपये वापस किए जाएंगे।
पुरोहित ने बताया कि बदरीनाथ जाने वाले हेलिकॉप्टरों से हर व्यावसायिक फेरे से एक हजार रुपए की राशि ईको विकास शुल्क के रूप में ली जाएगी। इसके लिए नगर पंचायत ने अपने नियमों को संशोधित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है । उन्होंने बताया कि बदरीनाथ नगर पंचायत की ओर से ईको विकास शुल्क का संग्रह 3 साल पहले 2020 में शुरू किया गया था। जिसके तहत बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों के वाहनों से अलग-अलग श्रेणी में ईको शुल्क लिया जा रहा था।
'20 रुपए रिफंडेबल होंगे, जो वापसी में चेक पोस्ट पर कूड़े का बैग लौटाने पर यात्रियों को कर दिए जाएंगे वापस'
पुरोहित ने आगे बताया कि इस साल से जहां सड़क मार्ग से आने वाले यात्रियों के वाहनों से पूर्व में लिए जा रहे ईको शुल्क में 20 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है। वहीं, हेलीकॉप्टरों से भी एक हजार रुपए शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि वाहनों से अतिरिक्त रूप से लिए जाने वाले यह बीस रुपए रिफंडेबल होंगे जो वापसी में चेक पोस्ट पर कूड़े का बैग लौटाने पर यात्रियों को वापस कर दिए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि गार्बेज बैग देने का मकसद वाहनों के कारण बद्रीनाथ में फैलने वाली गंदगी को नियंत्रित करना और कूड़ा फैलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है।