Edited By Vandana Khosla, Updated: 18 Jan, 2025 10:10 AM
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलौर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी मो.इस्लाम को राहत देते हुए उसके नामांकन को रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाते हुए उनके नामांकन को बहाल कर दिया है। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलौर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी मो.इस्लाम को राहत देते हुए उसके नामांकन को रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाते हुए उनके नामांकन को बहाल कर दिया है। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इस्लाम का नाम मतपत्र में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अपीलकर्ता विजयी होता है तो चुनाव परिणाम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।
दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी मो.इस्लाम का नामांकन पत्र मंगलौर के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) की ओर से खारिज कर दिया गया था। कांग्रेस प्रत्याशी पर आरोप है कि नजूल भूमि पर कब्जा किया है। आरओ के इस कदम को पीड़ित ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। विगत सात जनवरी को एकल पीठ ने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर की। न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की पीठ में अपील पर बीती 16 जनवरी को सुनवाई हुई। आदेश की प्रति शुक्रवार को मिल पाई। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से पीड़ित की पैरवी करते हुए कहा गया कि आरओ का निर्णय मनमाना और भेदभावपूर्ण है। पीड़ित का पक्ष नहीं सुना गया है और न ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया है। इससे उसके मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है। अंत में अदालत ने नामांकन को बहाल करते हुए चुनाव आयोग को अपीलकर्ता का नाम मतपत्र में शामिल करने के निर्देश दे दिए। अदालत ने यह भी कहा कि यदि अपीलकर्ता सबसे अधिक मत हासिल करता है तो परिणाम इस अपील के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।
वहीं,इस मामले में आगे की सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। नजूल भूमि में अतिक्रमण करने के आरोप में इस्लाम का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया था। जबकि इस्लाम का कहना है कि उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने का समय नहीं दिया गया । उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के आदेश को हाईकोर्ट की एकलपीठ में चुनौती दी थी। जिसे एकलपीठ ने सात जनवरी को खारिज कर दिया था । जिसके खिलाफ उन्होंने खंडपीठ के समक्ष अपील की। इस मामले की सुनवाई के लिये न्यायमूर्ति आशीष नैथानी विशेष बेंच गठित हुई थी।