उत्तराखंड में महाशिवरात्रि की धूम, टपकेश्वर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब; गूंज रहे 'हर-हर महादेव' के जयकारे

Edited By Vandana Khosla, Updated: 26 Feb, 2025 02:43 PM

celebration of mahashivratri in uttarakhand flood of faith of devotees

देहरादूनः शिवरात्रि के पावन पर्व पर देश के तमाम शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं, देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में देर रात 12:00 से ही शिव भक्त जलाभिषेक करने के लिए कई किलोमीटर की लाइन में खड़े दिखाई दिखाई दिए। इस दौरान मंदिर परिसर...

देहरादूनः शिवरात्रि के पावन पर्व पर देश के तमाम शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं, देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में देर रात 12:00 से ही शिव भक्त जलाभिषेक करने के लिए कई किलोमीटर की लाइन में खड़े दिखाई दिखाई दिए। इस दौरान मंदिर परिसर 'हर-हर महादेव' के जयकारे से गूंज उठा है। टपकेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि पौराणिक मान्यता के अनुसार आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे।

टपकेश्वर मंदिर की एक पौराणिक कथा के अनुसार...
टपकेश्वर मंदिर की एक पौराणिक कथा के अनुसार यह गुफा द्रोणाचार्य का निवास स्थान माना जाता है। इस गुफा में उनके बेटे अश्वत्थामा पैदा हुए थे। बेटे के जन्म के बाद उनकी मां दूध नहीं पिला पा रही थी। उन्होंने (अश्वत्थामा) भोलेनाथ से प्रार्थना की। इसके बाद भगवान शिव ने गुफा की छत पर थन बना दिए और दूध की धारा शिवलिंग पर बहने लगी। जिसकी वजह से प्रभु शिव का नाम दूधेश्वर पड़ा। कलयुग के समय में इस धारा ने पानी का रूप ले लिया। इस मंदिर के शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं। इस कारण मंदिर को टपकेश्वर कहा जाता है।

यहां 12 साल तक गुरु द्रोणाचार्य ने की भगवान शिव की तपस्या
मान्यता यह भी है कि इस गुफा में कौरव और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य भगवान शिव की तपस्या करने के लिए आए थे। 12 साल तक उन्होंने भोलेनाथ की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें दर्शन दिए। उनके अनुरोध पर ही भगवान शिव यहां लिंग के रूप में स्थापित हो गए। लोक मान्यता के अनुसार गुरु द्रोणाचार्य को भगवान शिव ने इसी जगह पर अस्त्र-शस्त्र और धनु विद्या का ज्ञान दिया था। इस प्रसंग का महाभारत में भी उल्लेख आता है।

टपकेश्वर मंदिर में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने किया जलाभिषेक
वहीं, टपकेश्वर मंदिर में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जलाभिषेक कर प्रदेश के सौहार्द के लिए कामना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाईचारा बना रहे। इसके लिए उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की है। श्रद्धालुओं का कहना है कि उनकी भगवान टपकेश्वर में अटूट आस्था है और वह हर साल यहां दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं ने कई घंटे तक लाइन में खड़े होकर भगवान टपकेश्वर के दर्शन किए। साथ ही अपनी मनोकामना पूर्ण की प्रार्थना की।

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