Edited By Vandana Khosla, Updated: 22 Aug, 2025 03:14 PM

उत्तरकाशीः उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में बरसाती नाले कुपडागाड़ से मलबा आने के कारण यमुना नदी में बनी अस्थायी झील का जलस्तर करीब दो फुट कम हो गया है। लेकिन, खतरा अब भी बरकरार है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में बरसाती नाले कुपडागाड़ से मलबा आने के कारण यमुना नदी में बनी अस्थायी झील का जलस्तर करीब दो फुट कम हो गया है। लेकिन, खतरा अब भी बरकरार है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पिछले एक घंटे में झील के जलस्तर में लगभग दो फुट की आई कमी
अधिकारियों ने बताया कि बरसाती नाले में बृहस्पतिवार शाम पानी के साथ बहकर आए मलबे और पत्थरों के कारण यमुना नदी का बहाव रूकने से स्यानाचट्टी में झील बन गई है। जिसे खोलने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में नदी के एक हिस्से से पानी की निकासी हो रही है और पिछले एक घंटे में झील के जलस्तर में लगभग दो फुट की कमी आई है।
स्यानाचट्टी में बना पुल करीब दो फुट पानी में डूबा, गया, आवागमन बाधित
देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के कारण बरसाती नाले से बहकर आए मलबे से नदी में बनी झील से यमुनोत्री के मुख्य पड़ाव स्यानाचट्टी कस्बे में मकानों, होटलों और अन्य इमारतों में पानी भर गया। केंद्र के मुताबिक, झील के कारण स्यानाचट्टी में बना पुल करीब दो फुट पानी में डूब गया, जिससे आवागमन बाधित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि स्यानाचट्टी में लगभग 25-30 मकान व 20-25 होटल थे और करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
दलदल के कारण झील के पानी को बाहर निकालना बना बड़ी चुनौती
प्रदेश के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दलदल होने के कारण अभियान चलाना अभी संभव नहीं औेर राहत एवं बचाव दल अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। सुमन ने स्थानीय लोगों से धैर्य बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की। यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल के साथ जिलाधिकारी प्रशांत आर्य मौके पर मौजूद हैं। आर्य ने स्यानाचट्टी के लोगों से नहीं घबराने की अपील की। उन्होंने कहा कि जल्द ही झील के पानी को निकाल दिया जाएगा। आर्य ने कहा कि प्रशासन द्वारा लोगों के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं।
पूरे क्षेत्र में ड्रोन से की जा रही निगरानी, मौके पर कई टीमें मौजूद
कहा कि पूरे क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी की जा रही है जबकि स्वास्थ्य, राजस्व, खाद्य आपूर्ति विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव को झील से जल निकासी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बचाव अभियान के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी और सभी एहतियाती कदम उठाने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने सुरक्षित स्थानों में ठहरे लोगों के साथ-साथ स्यानाचट्टी के निवासियों के लिए भोजन, रसोई गैस, दवाइयों, पेट्रोल व डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।