Uttarakhand News: CM धामी के आश्वासन पर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने स्थगित किया आंदोलन, कही ये बात

Edited By Swati Sharma, Updated: 17 Jul, 2024 01:19 PM

after talking to the cm the agitation of the pilgrim priests was postponed

दिल्ली के बुराड़ी में बनाए जा रहे केदारनाथ जैसे मंदिर के विरोध में जारी अपने आंदोलन को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर बुधवार को स्थगित कर दिया। केदार सभा के विनोद तिवारी और उमेश पोस्ती ने...

देहरादून/ रूद्रप्रयाग: दिल्ली के बुराड़ी में बनाए जा रहे केदारनाथ जैसे मंदिर के विरोध में जारी अपने आंदोलन को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर बुधवार को स्थगित कर दिया।

'अपने अध्यक्ष के निर्देश पर हम अपना आंदोलन स्थगित कर रहे'
केदार सभा के विनोद तिवारी और उमेश पोस्ती ने केदारनाथ में कहा कि उनके अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में मुलाकात की थी और अब उनके निर्देश पर आंदोलन को स्थगित किया जा रहा है। पोस्ती ने कहा, 'हम अपना आंदोलन वापस नहीं ले रहे हैं। अपने अध्यक्ष के देहरादून से लौटने तक उसे केवल स्थगित किया गया है।' उन्होंने कहा कि हमारे अध्यक्ष की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है जिसमें उन्हें सकारात्मक आश्वासन मिला है। एक अन्य तीर्थ पुरोहित विनोद तिवारी ने कहा, ' इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ बातचीत हुई और बुराड़ी में मंदिर तथा उसे बनाने वाले ट्रस्ट का नाम बदले जाने पर सहमति बनी। अपने अध्यक्ष के निर्देश पर हम अभी अपना आंदोलन स्थगित कर रहे हैं। अध्यक्ष के केदारपुरी लौटने के बाद आंदोलन के संबंध में आगे की रणनीति के बारे में निर्णय होगा।'

'अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं तीर्थ पुरोहित'
हांलांकि, उन्होंने कहा, कि अगर ट्रस्ट बुराड़ी में बनने वाले मंदिर का नाम या उसका स्वरूप न बदलने पर अड़ा रहता है तो तीर्थ पुरोहित अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। इस बीच, दिल्ली में केदारनाथ जैसा मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख सुरिंदर रौतेला ने देहरादून में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी में बनाया जा रहा मंदिर केदारनाथ धाम नहीं है और इसके निर्माण से राज्य सरकार का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह केवल केदारनाथ नाम का एक मंदिर है। मैं स्वयं भी उत्तराखंड से हूं। मैंने ऐसा केवल उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ही किया है।' हालांकि, तीर्थ पुरोहित उनके इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है और उनका मुख्य विरोध इस बात को लेकर है कि मंदिर और इसे बनाने वाले ट्रस्ट का नाम केदारनाथ व्यवसायिक उद्देश्य से रखा गया है जो स्वीकार्य नहीं है।



 

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