Edited By Vandana Khosla, Updated: 17 Jan, 2025 02:23 PM
चंपावतः भारत-नेपाल सीमा पर लगने वाला उत्तर भारत का प्रसिद्ध पूर्णागिरी मेला आगामी 15 मार्च से शुरू होगा और 15 जून तक चलेगा। तीन महीने संचालित होने वाले मेले को इस बार अधिक भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए जिला...
चंपावतः भारत-नेपाल सीमा पर लगने वाला उत्तर भारत का प्रसिद्ध पूर्णागिरी मेला आगामी 15 मार्च से शुरू होगा और 15 जून तक चलेगा। तीन महीने संचालित होने वाले मेले को इस बार अधिक भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे की अगुवाई में गुरुवार को मेला कमेटी की एक बैठक टनकपुर स्थित बूम गेस्ट हाउस में संपन्न हुई। पांडे के अनुसार अनुमान है कि मेले में इस बार एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था में अभी से जुट गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही वाहन पार्किंग, सुरक्षा व पेजयल व्यवस्था के साथ ही परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पूर्णागिरी टनकपुर के उप जिलाधिकारी को मेला मजिस्ट्रेट और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
वहीं, बैठक में इस बार चार पहिया और दो पहिया वाहन चालकों को राहत देने पर विचार किया गया और उन्हें ठुलीगाड़ से आगे जाने पर सहमति बनी। इसके लिए चार पहिया वाहन चालकों को 100 और दोपहिया चालकों को 60 रुपये शुल्क लिया जाएगा। मुंडन शुल्क 101 निर्धारित किया गया है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने हेतु मेला क्षेत्र में 17 प्याऊ तथा 44 पेयजल स्टैंड पोस्ट लगाए जाएंगे।