Edited By Ramanjot, Updated: 26 Aug, 2023 03:01 PM

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर हिमालयी सरोकारों एवं पलायन जैसी गंभीर समस्या को राष्ट्रीय फलक पर लाने का कार्य किया है। ये फिल्में समाज को दिशा देने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का भी कार्य करेगी। उन्होंने कहा...
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की सूची में उत्तराखंड की दो लघु फिल्म ‘पाताल-ती' के लिए बिट्टू रावत को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी एवं बेस्ट नॉन फीचर फिल्म हेतु सृष्टि लखेड़ा की गढ़वाली फिल्म ‘एक था गांव' को चयनित किए जाने पर दोनों फिल्मों के सभी परिश्रमी सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
"फिल्मांकन के लिए पूरा उत्तराखंड एक डेस्टिनेशन"
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर हिमालयी सरोकारों एवं पलायन जैसी गंभीर समस्या को राष्ट्रीय फलक पर लाने का कार्य किया है। ये फिल्में समाज को दिशा देने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का भी कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि इन युवाओं को मिला पुरस्कार राज्य का भी सम्मान है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्मकारों को देवभूमि उत्तराखंड के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है। राज्य में फिल्मकारों को सुविधा प्रदान करने के लिए उनके हित में कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन के लिए पूरा उत्तराखंड एक डेस्टिनेशन है।
मुख्यमंत्री ने फिल्म जगत से जुड़े प्रदेशवासियों से अपेक्षा की कि उन्हें उत्तराखंड की इस पावन भूमि ने इस मुकाम तक पहुंचाने का अवसर दिया है। देश व दुनिया के साथ अपने प्रदेश का नाम रोशन करने में भी वे मददगार बने। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति परिवेश एवं पूर्वजो द्वारा दिए गए संस्कारों से जुड़ा रहना होगा। ये हमारी जड़े हैं। अपनी जड़ों से जुड़ा रहकर ही हम जीवन में सफल होंगे तथा हमारी पहचान बनी रहेगी। धामी ने कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी रहे, कितनी ही पीढि़यों तक रहे, उसकी भारतीयता, उसकी भारत के प्रति निष्ठा, कभी कम नहीं होती। इसका कारण हमारी विशिष्ट सांस्कृतिक चेतना है, जिसमें भारत उसके दिल में हमेशा जीवंत रहता है।