Edited By Vandana Khosla, Updated: 20 Mar, 2025 09:08 AM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पहाड़ों की रानी मसूरी के प्रसिद्ध जार्ज एवरेस्ट एडवेंचर पार्क को कथित रूप से बाहर की कंपनी को लीज पर देने के मामले में सुनवाई करते हुए फिलहाल यहां टोल उगाही पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पहाड़ों की रानी मसूरी के प्रसिद्ध जार्ज एवरेस्ट एडवेंचर पार्क को कथित रूप से बाहर की कंपनी को लीज पर देने के मामले में सुनवाई करते हुए फिलहाल यहां टोल उगाही पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की युगलपीठ में अधिवक्ता विनीता नेगी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सोमवार 17 मार्च को सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि यह पार्क 142 एकड़ में फैला है और यूटीडीबी ने उत्तर प्रदेश की एक संस्था को एक करोड़ प्रतिवर्ष की दर पर लीज पर दे दिया। यह भी आरोप लगाया गया कि इससे स्थानीय लोगों और पर्यटन कारोबारियों के हित प्रभावित हुए हैं। वर्षों पुरानी सार्वजनिक सड़क पर अवैध रूप से टोल वसूला जा रहा है। अनुबंध से साफ है कि हेलीपैड, हट्स, कैफे, संग्रहालयों और वेधशाला को भी लीज पर दे दिया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कंपनी द्वारा पर्यटकों के लिए हेली सेवा संचालित की जा रही है। यह भी कहा गया कि यह क्षेत्र मसूरी वन्य जीव अभ्यारण्य से सटा हुआ है।
प्रतिवादी कंपनी की ओर से बचाव में कहा गया कि जिस सड़क पर टोल वसूला जा रहा है वह सार्वजनिक नहीं है। अदालत ने फिलहाल टोल वसूली पर रोक लगा दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यहां प्रवेश शुल्क पर रोक नहीं लगाई गई है। अदालत ने प्रतिवादियों से अनुबंध के मूल दस्तावेज और पार्क को लीज पर देने के लिए बोर्ड के फैसले की प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा है। इस मामले में आगामी 24 मार्च को सुनवाई होगी।