"ढाबा मालिकों की पहचान उजागर करना बेहद निंदनीय", सपा नेता ने कहा- यह आतंकवादी हमले से कम नहीं है

Edited By Vandana Khosla, Updated: 02 Jul, 2025 03:15 PM

revealing the identity of dhaba owners is highly condemnable

Uttarakhand desk: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद एसटी हसन ने कांवड़ यात्रा मार्ग के ढाबा मालिकों की धार्मिक पहचान उजागर करने के लिए कुछ हिंदू संगठनों द्वारा सत्यापन किए जाने पर उनकी कड़ी निंदा की है। इसे आतंकवाद के बराबर कृत्य बताया।

Uttarakhand desk: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद एसटी हसन ने कांवड़ यात्रा मार्ग के ढाबा मालिकों की धार्मिक पहचान उजागर करने के लिए कुछ हिंदू संगठनों द्वारा सत्यापन किए जाने पर उनकी कड़ी निंदा की है। इसे आतंकवाद के बराबर कृत्य बताया।

"होटल कर्मचारियों को धर्म की पहचान के लिए कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना निंदनीय"
हसन ने कहा कि होटल कर्मचारियों और स्थानीय विक्रेताओं से उनके नाम बताने के लिए कहना और अपने धर्म की पहचान के लिए उन्हें कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से कम नहीं है। यह भी आतंकवाद का ही एक रूप है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं खुलेआम हो रही हैं और उत्तराखंड सरकार आंख मूंदे बैठी है। हसन ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चुपचाप इन कृत्यों का समर्थन कर रही है। कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है और इसे रोका जाना चाहिए।

"होटल के कर्मचारियों की पहचान उजागर करने के लिए अवैध तरीके से किया सत्यापन"
सपा नेता की यह टिप्पणी उत्तराखंड के कई शहरों से आ रही उन खबरों के बीच आई है। जिसमें बताया गया है कि कुछ स्थानीय हिंदू संगठन कथित तौर पर मुस्लिम लोगों को निशाना बनाते हुए होटल और ढाबों के कर्मचारियों की पहचान उजागर करने के लिए अवैध तरीके से सत्यापन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में कुछ लोगों को ढाबों के कर्मचारियों से उनके नाम पूछने और धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते देखा जा सकता है। हसन ने केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की सांप्रदायिक प्रथा पर रोक लगे।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों और ढाबों पर लगाने होंगे लाइसेंस और आईडी- उत्तराखंड सरकार
उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र को प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त आर राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर होटल व ढाबा मालिकों तथा ठेले और स्टॉल पर खाने-पीने की चीजें बेचने वालों को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र की साफ प्रति अपने प्रतिष्ठान में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी, ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से देख सकें।

 

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