हरिद्वार में राखी की धूम: रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, दोपहर बाद होगा शुभ मुहूर्त

Edited By Nitika, Updated: 19 Aug, 2024 09:01 AM

rakhi celebration in haridwar

हरिद्वारः रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर हरिद्वार के बाजारों में काफी रौनक दिखाई दे रही है। हालांकि आज सुबह भद्रा लगने का कारण दोपहर बाद ही राखी बांधने का मुहूर्त है। इसके बावजूद भी बाजारों में काफी रौनक देखी गई। जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी...

हरिद्वारः रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर हरिद्वार के बाजारों में काफी रौनक दिखाई दे रही है। हालांकि आज सुबह भद्रा लगने का कारण दोपहर बाद ही राखी बांधने का मुहूर्त है। इसके बावजूद भी बाजारों में काफी रौनक देखी गई। जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए विभिन्न तरह की आकर्षक राखियां खरीद रही है, वहीं मिठाई की दुकानों पर भी मिठाइयों की खरीददारी की जा रही है। राखी विक्रेताओं ने तरह-तरह के डिजाइन की राखियां मंगवाई हैं।

भाई के उज्जवल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना करती है बहनें
 रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार का पवित्र त्यौहार है और इस दिन बहने अपने भाइयों के हाथों में राखी बांधकर उनके उज्जवल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना करती हैं। साथ ही भाई भी अपनी बहनों से राखी बंधवा कर उन्हें उपहार स्वरूप तरह-तरह की मिठाइयां एवं वस्त्र आदि देते हैं। इस शुभ अवसर पर राखी विक्रेता का कहना है कि रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में वह तरह-तरह की राखियां बनाते हैं। इसके अलावा उनके पास चंदन की राखी, रक्षा सूत्र और कई तरह के नग नगीनों की राखियां भी उपलब्ध है, जिनकी विशेष मांग रहती है और बहनें भारी संख्या में खरीददारी करती हैं।

भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है ये त्योहार
 वहीं राखी खरीदने वाली बहनों का कहना है कि रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। इस दिन बहनें भाइयों के कलाइयों में राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। मान्यताओं के अनुसार, यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। द्वापर युग में द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण के हाथ में राखी बांधी थी और भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि वह उसकी रक्षा करेंगे। जब द्रोपदी ने उनके चीरहरण के समय भगवान श्री कृष्ण को याद किया था, तो भगवान श्री कृष्ण ने उनकी लाज बचाई थी।

मिठाई विक्रेताओं ने तैयार की विभिन्न मिठाइयां
मिठाई विक्रेताओं ने भी रक्षाबंधन को लेकर तरह-तरह के मिठाइयां तैयार की हैं। इसमें आजकल के मौसम को देखते हुए तरह-तरह के घेवर बनाए हैं, जिसकी काफी मांग बाजार में देखी गई है।  काजू कतली की मिठाई और अन्य मिठाइयों की भी काफी खरीदारी हुई। मिठाई खरीदने वालों का कहना है कि रक्षाबंधन के दिन घेवर खाना काफी पसंद किया जाता है। बहनों को मिठाई के साथ उपहार देकर वह बहनों का आशीर्वाद भी लेते हैं और ताउम्र उनका साथ निभाने का प्रण भी लेते है।

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