Edited By Ramkesh, Updated: 03 May, 2025 08:26 PM

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा तीर्थ की मर्यादाएं बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आमोद प्रमोद के लिए ना आए। यदि सात्विक भाव से आयेंगे, तो उनको आध्यात्मिक लाभ अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा विधर्मियों का चारों...
चमोली (पूरन बिलंगवाल): ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा तीर्थ की मर्यादाएं बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आमोद प्रमोद के लिए ना आए। यदि सात्विक भाव से आयेंगे, तो उनको आध्यात्मिक लाभ अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा विधर्मियों का चारों धामों में प्रवेश वर्जित किया जाना चाहिए। बदरीनाथ स्थित शंकराचार्य आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा संसद में मनुस्मृति के बारे में दिए बयान से सनातन धर्मी आहत हैं। इस बारे में उन्होंने तीन माह पूर्व स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई उतर नहीं दिया गया। इसलिए उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की सार्वजनिक घोषणा करते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग तीर्थ स्थल में अमर्यादित व्यवहार न करें। इससे धामों की महता के साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था पर भी ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि जब भी आप अपने घर से यात्रा पर निकले तो इस बात को ध्यान अवश्य रखें कि तीर्थ यात्रा कर रहे हैं । उन्होंने कहा तीर्थंटन और पर्यटन के अंतर को समझना जरूरी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि चार धाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओ के दर्शन की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जानी चाहिए। देव भूमि से यह संदेश न जाय कि श्रद्धालु बिना दर्शन के वापस लौटे।
उन्होंने विधर्मियों के चारों धामों में प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित किये जाने की बात कही। ऐसा देखने और सुनने में आता है कि दूसरे धर्म के लोग चार धामों और यात्रा पड़ावों में बिना किसी रोक-टोक के आवागमन कर रहे हैं। इस पर सरकार और शासन को कड़े कदम उठाने होंगे। यात्रा व्यवस्था के बारे में बताया कि हमारा सुझाव है कि यात्रियों को जो समस्या हो, वो उन समस्याओं के बारे में लिखित में दे। इसका संज्ञान ले कर सरकार इसका निराकरण करे। पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ज्योतिर्मठ ओर से ब्रह्म कपाल तीर्थ में श्राद्ध किया जाएगा।