Edited By Purnima Singh, Updated: 02 Mar, 2025 04:28 PM
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उधम सिंह नगर जिले में 176 पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के सदस्य सचिव और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। एनजीटी ने जिले के चांदपुर...
देहरादून : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उधम सिंह नगर जिले में 176 पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के सदस्य सचिव और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। एनजीटी ने जिले के चांदपुर गांव में निजी व्यक्तियों द्वारा आवासीय कॉलोनी के विकास के दौरान पेड़ों की अनधिकृत कटाई किए जाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने 24 फरवरी के अपने आदेश में कहा कि पूर्व में गठित संयुक्त समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार 176 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है और इसके लिए पर्यावरणीय मुआवजा वसूला जाना है। समिति में जिला मजिस्ट्रेट, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय और यूकेपीसीबी शामिल थे। अधिकरण ने रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव और अन्य से जवाब मांगा है।
उसने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अगली सुनवाई पर यूकेपीसीबी के सदस्य सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) का अधिकरण के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित होना आवश्यक है ताकि मामले में शामिल प्रश्नों के संबंध में न्यायोचित और उचित निर्णय लेने में अधिकरण को सहायता मिल सके।'' हरित निकाय ने कहा, ‘‘उन्हें प्रासंगिक रिकॉर्ड के साथ इस अधिकरण के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है।'' एनजीटी ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए सात अप्रैल की तारीख तय की है।