देहरादून घाटी की नदियों व जल निकायों की CCTV से करें निगरानी, HC ने दिए निर्देश

Edited By Vandana Khosla, Updated: 25 Mar, 2025 03:36 PM

monitor the rivers and water bodies of dehradun valley

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में देहरादून घाटी की नदियों की निगरानी सीसीटीवी से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार को दून घाटी से संबंधित अलग-अलग जनहित याचिकाओं में जारी आदेशों का अनुपालन रिपोर्ट पेश...

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में देहरादून घाटी की नदियों की निगरानी सीसीटीवी से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार को दून घाटी से संबंधित अलग-अलग जनहित याचिकाओं में जारी आदेशों का अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दून घाटी की नदियों और जल निकायों पर हो रहे अतिक्रमण और खनन को लेकर याचिकाकर्ता रीनू पाल, अजय नारायण शर्मा तथा उर्मिला थापा की ओर से पृथक-पृथक दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए।

पूर्व के आदेश पर प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, सचिव शहरी विकास नितेश झा और राजस्व सचिव एसएन पांडे वर्चुअली अदालत में पेश हुए। साथ ही देहरादून नगर निगम की आयुक्त व्यक्तिगत रूप से पेश हुई। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने पीठ को बताया कि वर्ष 2021 और वर्ष 2023 में दिए गए आदेशों का अनुपालन अभी तक नहीं किया जा सका है और न ही अनुपालन रिपोर्ट पेश की गई है। पीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए। प्रमुख सचिव ने पीठ को अवगत कराया कि अभी तक पूर्व के आदेशों का कतिपय कारणों से अनुपालन नहीं हो पाया है। उन्होंने पीठ से अतिरिक्त समय की मांग की।

महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि 87 प्रतिशत अतिक्रमण हटा लिया गया है। इसके बाद ही पीठ ने निर्देश दिए कि दून घाटी की नदियों एवं जल निकायों की निगरानी सीसीटीवी के माध्यम से करें। रणनीतिक जगहों पर सीसीटीवी लगाए जाएं। पीठ ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को दोषी अतिक्रमणकारियों और खनन कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। कोर्ट ने सचिव शहरी विकास नदी-नालों एवं गधेरों में अतिक्रमण, अवैध खनन के खिलाफ लोगों में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा।

इस मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल की तिथि नियत की गई है। मामले के अनुसार देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा, रीनू पाल व उर्मिला थापा ने उच्च न्यायालय में अलग अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि दून घाटी में गंगा की सहायक नदियों रिस्पना और बिंदाल नदियों तथा उसकी सहायक जलधाराओं यानी नालों खालों में भारी अतिक्रमण व अवैध खनन हो रहा है। इससे यहां के पर्यावरण और भौगोलिक स्वरूप को खतरा है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Kolkata Knight Riders

174/8

20.0

Royal Challengers Bangalore

177/3

16.2

Royal Challengers Bengaluru win by 7 wickets

RR 8.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!