Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Mar, 2025 10:12 AM

उत्तराखंड/इटावाः उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर उत्तर प्रदेश के इटावा में बन रहे केदारेश्वर महादेव मंदिर को लेकर गहराए विवाद के बीच मंदिर के मुख्य पुजारी उमाशंकर ने कहा कि केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर नहीं है।...
उत्तराखंड/इटावाः उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर उत्तर प्रदेश के इटावा में बन रहे केदारेश्वर महादेव मंदिर को लेकर गहराए विवाद के बीच मंदिर के मुख्य पुजारी उमाशंकर ने कहा कि केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर नहीं है। उमाशंकर का कहना है कि केदारेश्वर मंदिर उत्तर और दक्षिण भारत के टेक्निकल इंटीरियर के डिजाइन को मिक्स करके बनाया गया है। इसके अंदर स्थित शिवलिंग की आकृति और उसका आकार भी भिन्न है। इसके साथ बाहरी आवरण देखने में 80 फीसदी केदारनाथ जैसा लगता है लेकिन केदारनाथ मंदिर की कॉपी नहीं है।
केदारेश्वर महादेव मंदिर करीब से उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर का कराता है आभास
आपको बता दें कि केदारेश्वर महादेव मंदिर करीब से उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर का आभास कराता है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते समय 10 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर सड़क की तरफ मुंह किए काले रंग के नंदी की प्रतिमा मंदिर के आकर्षण को और अधिक बढ़ा रही है। मंदिर का निर्माण समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करवा रहे हैं। इस मंदिर में भव्य शालिग्राम शिला नेपाल से लाकर स्थापित की गई है। आंध्र प्रदेश में अरसे से मंदिरों का निर्माण कर रही एक कंपनी केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करा रही है। निदेशक मधु बोडा बताते है कि उनकी कंपनी पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिरों के निर्माण में लगी हुई है। देश में कुल सात ज्योतिर्लिंग बने हैं। उत्तराखंड में एक छोर पर केदारनाथ मंदिर है तो दक्षिण में रामेश्वरम मंदिर। वहीं बीच में श्री कालाहस्ती मंदिर, एकाम्बरेश्वर मंदिर, अरुणाचलेश्वर मंदिर, जम्बूकेश्वर मंदिर, तिल्लै नटराम मंदिर हैं। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। मंदिर का मुख्य भवन तो उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की तरह है लेकिन पूरे परिसर की डिजाइन तंजौर के बृहदेश्वर मंदिर की प्रतिकृति होगी।
केदारनाथ मंदिर के प्रति सम्मान हेतु केदारेश्वर महादेव मंदिर की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम रखी गई है
इटावा के केदारेश्वर महादेव मंदिर में गर्भगृह का भवन यानी ‘विमानम्' भी दक्षिण भारतीय मंदिरों की तुलना में अधिक ऊंचा है। इस तरह यह दक्षिण और उत्तर की संस्कृति का मिलाजुला रूप पेश करता है। केदारेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह भवन की ऊंचाई 74 फुट है। यह 10 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थित है। इस प्रकार आधार जमीन से यह 84 फुट ऊंचा है जो उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की 85 फुट की ऊंचाई से एक इंच कम है। उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए केदारेश्वर महादेव मंदिर की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम रखी गई है। केदारनाथ मंदिर की भांति केदारेश्वर मंदिर के शिखर पर 12 फुट ऊंचा लकड़ी का‘शिखरम्'बनाया गया है। इस मंदिर के गर्भगृह की छत और‘विमानम्'के बीच खोखला स्थान रखने के साथ छत पर एक छोटा छेद‘ब्रोंद्र होल'इस तरह रखा गया है कि गर्भगृह में बजने वाले शंख, घंटी और डमरू की गूंज पूरे परिसर में सुनाई दे।
मंदिर का निर्माण समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करवा रहे हैं
गौरतलब हो कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 7 मार्च, 2021 को इटावा में ग्वालियर रोड से सटी जमीन पर केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए भूमि पूजन किया। मंदिर का निर्माण एक खास ग्रेनाइट पत्थर‘कृष्ण पुरुष शिला से किया गया है जो पूरे विश्व में केवल तमिलनाडु में कन्याकुमारी के पास ही मिलता है। दुनिया में सबसे मजबूत माने जाने वाले इन पत्थरों की आयु कम से कम तीन लाख वर्ष होती है। कन्याकुमारी के 25 कुशल शिल्पकारों की एक टीम इटावा में तैनात की। इनमें मुत्तु गणपति उर्फ बाला और उमाशंकर शामिल हैं, ये शिल्पकारों के उस परिवार से आते हैं, जिन्होंने मशहूर तमिल कवि तिरुवल्लुवर की कन्याकुमारी के पास स्थित एक द्वीप पर 1 जनवरी, 2000 को स्थापित विश्व प्रसिद्ध प्रतिमा का निर्माण किया है।