Edited By Vandana Khosla, Updated: 05 Feb, 2025 01:15 PM
उधम सिंह नगरः उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की खटीमा तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड में अतिक्रमण किया गया था। जिसे हटाने के लिए मंगलवार को खटीमा तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान भारतीय...
उधम सिंह नगरः उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की खटीमा तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड में अतिक्रमण किया गया था। जिसे हटाने के लिए मंगलवार को खटीमा तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान भारतीय अधिकारियों और नेपाली नागरिकों के बीच नोकझोंक हुई।
इंडो नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण
दरअसल, खटीमा के मेलाघाट क्षेत्र में इंडो नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण हुआ है, जिसे मंगलवार हटाने और चिन्हीकरण करने भारत के खटीमा तहसील प्रशासन की टीम पहुंची थी। इस दौरान एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा, 57 बटालियन एसएसबी के कमांडेंट मनोहर लाल के नेतृत्व में राजस्व विभाग और वन विभाग की टीम से नेपाली नागरिकों की नोकझोंक हुई। इस दौरान मौके पर नेपाल के स्थानीय विधायक बेल बहादुर राणा, नेपाल एपीएफ, डीएसपी संतोष बी सिंह और इंस्पेक्टर देवेंद्र नाथ भी मौजूद थे। बता दें कि, बीते गुरुवार को संयुक्त टीम ने सर्वेक्षण के दौरान मुख्य पिलर 796 से लेकर 798 तक दोनों ओर से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण पाया। इस संबंध में कार्रवाई करते हुए भारत की तरफ से हुए अतिक्रमण को हटा दिया गया, लेकिन नेपाल की साइड से अभी तक नो मैंस लैंड से अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
नेपाली नागरिकों ने मिटा दिए चिन्हीकरण सबूत
वहीं,नेपाली नागरिकों ने भारतीय प्रशासन द्वारा बनाए गए चिन्हीकरण सबूत भी मिटा दिए, जिसकी वजह से दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई। हालांकि, किसी तरह विवाद को शांत किया गया। अधिकारियों ने बताया है कि, दोनों देशों के अधिकारियों ने वार्ता कर निर्णय लिया कि नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटा लिया जाएगा। वहीं, इस मामले में एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट तथा कमांडेंट मनोहर लाल ने बताया कि नेपाल के मीडिया द्वारा भ्रामक खबर फैलाकर नेपाली नागरिकों को गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा कि नो मैंस लैंड पर भारत की तरफ से किए गए अतिक्रमण को हटा लिया गया है। इसके साथ ही नेपाल प्रशासन से बातचीत कर नेपाली नागरिकों से भी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि जहां विवाद की स्थिति होगी। दोनों देशों के प्रशासन के बीच आपसी बातचीत व सौहार्दपूर्ण वातावरण में समाधान कर लिया जाएगा।